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कोस्टल रोड में नहीं होंगे एक भी सिग्नल और टोल नाके, और भी क्या खास है इस कोस्टल रोड में, जानिए यहां


कोस्टल रोड में नहीं होंगे एक भी सिग्नल और टोल नाके, और भी क्या खास है इस कोस्टल रोड में, जानिए यहां
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मुंबई की बहुप्रतीक्षित योजना कोस्टल रोड को बीएमसी की स्थायी समिति ने आखिरकार मंजूर कर दिया। इस योजना के लिए 12 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। यह प्रोजकेट देश में सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक है।

प्रिंसेस स्ट्रीट ब्रिज (चर्नी रोड) से बांद्रा-वर्ली सी लिंक तक इस 9.98 किमी लंबे कोस्टल रोड का काम बीएमसी करेगी और उसके आगे बांद्रा-वर्ली सी लिंक से मलाड मार्वे का काम MMRDA करेगी। चर्नी रोड से लेकर बांद्रा-वर्ली सी लिंक का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। योजना के मुताबिक प्रिन्सेस स्ट्रीट ब्रिज से प्रियदर्शनी उद्यान (पैकेज 4), प्रियदर्शनी उद्यान से बड़ौदा पैलेस (पैकेज 1), बड़ौदा पैलेस बांद्रा-वर्ली सी लिंक तक (पॅपैकेज 2) जैसे तीन चरणों में यह काम पूरा होगा।

पैकेज 4 और पैकेज 1 का काम L&T कंपनी पूरा करेगी जबकि पैकेज 2 का काम एचसीसी और एचडीसी कंपनी मिलकर करेगी।

इस परियोजना की लागत को लेकर विपक्ष और कांग्रेस के नेता रवि राजा ने सवाल उठाया और पूछा कि इस परियोजना की लागत 4 हजार करोड़ से 12 हजार करोड़ कैसे पहुंच गयी। इसके बाद सभागृह की नेता विशाखा राउत ने इस मार्ग पर टॉयलेट और खाली जगहों पर गणपति विसर्जन स्थल और शहीदों के स्मारक बनाने की मांग की।
 
आइये जानते हैं इस कोस्टल रोड की खासियत-

 
दुर्घटना से बचने के लिए दो टनल 
बीएमसी सभा गृह में कमिश्नर अजोय मेहता ने बताया कि चर्नी रोड से बांद्रा-वर्ली सी लिंक तक जिसकी लंबाई 9.98 किमी है उसका काम बीएमसी कराएगी, इसकी कुल लंबाई 24 किमी है जिसमें 2 टनल भी होंगे। अगर भविष्य में किसी एक टनल में दुर्घटना होती है तो दूसरे टनल से रास्ता बना कर निकला जा सकता है. साथ ही इस कोस्टल रोड पर एक भी सिग्नल या टोल नाके नहीं होंगे।

होंगे सायकल ट्रैक और जॉगिंग पार्क
मेहता ने आगे कहा कि इस कोस्टल रोड से लग कर दोनों तरफ 4-4 लेन का फुटपाथ बनाया जाएगा। इसके अलावा इसके दोनों तरफ एम्बुलेंस और बसों के लिए 1-1 कॉरिडोर भी होंगे। वाहनों को कोस्टल रोड से दूसरी सड़कों पर आसनी से चले जाए इसके लिए 4 इंटरकनेक्शन भी बनाए जाएंगे। साथ ही कोस्टल रोड से लग कर ही साईकिल ट्रैक, गार्डन, जॉगिंग ट्रैक, ओपन रेस्टोरेंट भी बनाए जाएंगे।  

पर्यटन के लिए होगी जेट्टी  
कमिश्नर मेहता ने स्पष्ट किया कि यह कोस्टल रोड का उपयोग समुद्री रास्ते से सामन ढोने वाले जहाजों के लिए भी किया जाएगा। इसके लिए वर्ली में जेट्टी बनाया जाएगा, जो खाली समय में पर्यटकों के लिए भी खुली रहेगी।
 
90 एकड़ का ग्रीन कॉरिडोर 
इस योजना के तहत 1625 वाहन क्षमता वाले 3 पार्किंग स्थल भी बनाए जाएंगे। ये तीनों पार्किंग स्थल अमरसंस, हाजीअली और वर्ली में बनेंगे। इन पार्किंग स्थलों के लिए 90 एकड़ का भराव क्षेत्र उपलब्ध होगा जो पूरी तरह से हरित होगा।

विसर्जन स्थल और शहीद जवानो के लिए होगा स्मारक 
मेहता ने बताया कि विशाखा राउत द्वारा गणपती विसर्जन स्थल और शहीद जवानो के स्मारक बनाने की मांग की गयी है उस पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा इस जगह के लिए नगर पालिका को 26 हजार करोड़ रुपये खर्च करना होगा लेकिन इतनी बड़ी जगह बिना पैसे खर्च किये ही मिल रही है. इसके अलावा यहां शौचालय, बीआरटीएस बस स्टॉप, बिजली उपकेंद्र भी बनाए जाएंगे।

इसीलिए बढ़ी लागत 
मेहता के मुताबिक इस योजना की लागत अगस्त 2017 में 4816 करोड़ रूपये थी लेकिन इसमें अन्य काम भी जोड़े गए जैसे समुद्र का पानी शहर में न घुसे, और बारिश का पानी आसानी से शहर से निकल सके इसके लिए वाटर पम्पिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा। इन कार्यों के लिए 6852 करोड़ रूपये खर्च किया जायेगा। इन कार्यों के लिए फरवरी महीने में टेंडर जारी किये गए थे जो तय बजट 7864 करोड़ रूपये से बढ़कर 8679 करोड़ रूपये तक पहुंच गयी है। साथ ही अन्य कार्यों को भी जोड़ लिया जाए तो इसकी इस समय लागत 12 हजार करोड़ रूपये तय की गयी है।

जुड़ेंगे अन्य टैक्स
इस 12 हजार करोड़ रूपये लागत वाली योजना में विभिन्न करों और शुल्क सहित कुल 4302 करोड़ रूपये का भी समावेश है। जिसमें 8 फीसदी पानी, 4 फीसदी मल निस्सारण टैक्स, 10 फीसदी बीएमसी का पर्यवेक्षकीय शुल्क, 1 फीसदी उपयोगिता संबंधित खर्च, 2 फीसदी वन और  पर्यावरण मंत्रालया संबंधित शुल्क सहित 10 करोड़ रूपये फूलों के गार्डन में बनाने के लिए हैं।

पढ़ें: कोस्टल रोड परियोजना: बीएमसी ने L&T और HCC को दिया ठेका

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