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साफ सफाई के दौरान बीएमसी को नालों में मिले टायर, स्पंज, प्लास्टिक जैसी चीजें

इन सभी चीजों के नालों में जाने से नालों का पानी जम जाता है और पानी का प्रवाह भी बंद हो जाता है

साफ सफाई के दौरान बीएमसी को नालों में मिले टायर, स्पंज, प्लास्टिक जैसी चीजें
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बारिश के दौरान मुंबई में पानी भर जाने के सबसे बड़े कारणों में से एक है नालों और गटर में रोजाना इस्तेमाल की जानेवील चीजों का पाया जाना जिसके कारण नाले और गटर जाम हो जाते है और पानी का प्रवाह रुक जाता है। मुंबई मे नाले-गटर की सफाई के दरम्यान बीएमसी को टेबल-कुर्सी के टुकड़े, बाम्बू, बड़े बॉक्स, चटाई, टायर, स्पंज, प्लास्टिक जैसी चीजें मिलती है।  जिससे पानी निकलने  में दिक्कत होती है।

सितंबर तक के रिपोर्ट पर आधारित 

बीएमसी के मुंबई सबर्ब के मिठी नदी और मेजर नाले के डिसिल्टिंग किए गए 1 सितंबर तक के रिपोर्ट पर आधारित हैं। बीएमसी ने पिछले साल 2018 मे डिसिल्टिंग मानसून के पहले 60 प्रतिशत, मानसून के दरम्यान 20 प्रतिशत और बारिश के बाद 20 प्रतिशत डिसिल्टिंग किया था 2019 में बीएमसी ने डिसिल्टिंग का अपना काम प्री मानसून 70 प्रतिशत और मानसून के दरम्यान 15 प्रतिशत और मानसून के बाद 15 प्रतिशत करने का तय किया है।


मुंबई के कुर्ला, पवई, घाटकोपर, मलाड, बांद्रा और सांताक्रूज और दूसरे इलाको में इस तरह के सामान गटर और नाले मे तैरते हुए नजर आए हैं।बीएमसी ने मानसून के दरम्यान 15 प्रतिशत डिसिल्टिंग यानी 52358 मैट्रिक टन डिसिल्टिंग में से 25616 मैट्रिक टन डिसिल्ट किया है।

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