22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।पाकिस्तान में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस बार महिला पर्यटकों के बजाय उनके पतियों को निशाना बनाया गया है। ताकि उनकी मांगें पूरी हो सकें। इस क्रूर कृत्य का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक एक जोरदार अभियान चलाया। (Why India Named Its Pahalgam Counterstrike Operation Sindoor)
आतंकवादियों को उनकी ही भाषा में जवाब देने का दृढ़ संकल्प
'ऑपरेशन सिंदूर' नाम सिर्फ सैन्य संदर्भ नहीं था, बल्कि आतंकवादियों को उनकी ही भाषा में जवाब देने का दृढ़ संकल्प था। भारत ने यह कार्रवाई उनके द्वारा लक्षित सिंदूर के नाम पर की। यह कार्रवाई बहुत प्रत्यक्ष और सटीक थी।जब आतंकवादियों ने पहलगाम में हमला किया तो उन्होंने महिलाओं को छोड़ने के बजाय उनके पतियों को मार डाला। महिलाओं के माथे पर लगे दाग मिटा दिए गए। उनके पतियों को उनकी आंखों के सामने गोली मार दी गई। इसके जवाब में इस मिशन का नाम 'मिशन सिंदूर' रखा गया।
इस मिशन के तहत भारतीय सेना ने आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया है। इसके जरिए भारत ने आतंकवादियों को सबक सिखाया है। इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि यदि आतंकवादी अब से किसी भी महिला की योनि को साफ करने का दुस्साहस करेंगे तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
'ऑपरेशन सिंदूर' तीनों सेनाओं - सेना, नौसेना और वायु सेना का संयुक्त अभियान था। जिसमें आतंकवादी शिविरों पर हमला करने के लिए सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित 9 आतंकवादी शिविरों पर हमला किया है। यह कार्रवाई रात करीब डेढ़ बजे की गई। ये हवाई हमले बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में किए गए हैं।
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