भीमा-कोरेगाव हिंसा: एकबोटे की जमानत याचिका रद्द, किसी भी क्षण हो सकती है गिरफ्तारी


भीमा-कोरेगाव हिंसा: एकबोटे की जमानत याचिका रद्द, किसी भी क्षण हो सकती है गिरफ्तारी
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भीमा कोरेगांव हिंसा के मुख्य आरोपी मिलिंद एकबोटे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने झटका दिया है। कोर्ट ने एकबोटे द्वारा दाखिल की गयी गिरफ्तारी से पूर्व जमानत की याचिका को ख़ारिज कर दिया। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि एकबोटे की गिरफ्तारी किसी भी क्षण हो सकती है।


'गिरफ्तारी से जमानत'

भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी  को हुए हिंसा मामले में पुलिस ने मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए एकबोटे ने पुणे सत्र न्यायालय में गिरफ्तारी से पहले बेल एप्लिकेशन दर्ज की। 22 जनवरी को पुणे कोर्ट ने यह अर्ज रद्द कर दिया जिसके बाद एकबोटे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में फिर से बेल एप्लिकेशन दर्ज की, लेकिन यहाँ भी एकबोटे को निराशा हाथ लगी।


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जमानत याचिका हुई ख़ारिज

एकबोटे की जमानत याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ती सत्यरंजन धर्माधिकारी और न्यायमूर्ती भारती डांगरे की खंडपीठ ने की। इस सुनवाई के दौरान एकबोटे के वकील ने कहा कि इस हिंसा में एकबोटे का कोई हाथ नहीं है और जब यह हिंसा की घटना घटी तो एकबोटे मौके पर नहीं थे।लेकिन एकबोटे के वकील तमाम दलीलों को ख़ारिज करते हुए उनकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया।


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