मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil deshmukh) को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें 29 नवंबर तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। सचिन वाजे (Sachin waje) को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
अनिल देशमुख ने कोर्ट से उन्हें घर का बना खाना उपलब्ध कराने को कहा था। हालांकि, कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि आप कोशिश करें कि पहले जेल का खाना खाएं, उसके बाद, अगर आपको यह पसंद नहीं है, तो हम विचार करेंगे।
उन्होंने खाने के साथ स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जेल में आरामदेह बिस्तर की मांग की थी। कोर्ट ने बेड के लिए मंजूरी दे दी है।
ईडी (ED) ने सचिन वाजे से आमने-सामने मुलाकात के लिए देशमुख की हिरासत ढ़ाने की मांग की थी। वाजे फिलहाल मुंबई क्राइम ब्रांच की हिरासत में है, इसलिए दोनों से आमने-सामने पूछताछ नहीं की जा सकी है।
मामले में मुश्किल में फंसी महाविकास अघाड़ी सरकार(MVA) ने मामले को सीबीआई (CBI) को सौंप दिया है। आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के जवाब के बाद सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी ने तब देशमुख और उसके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।
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