मुंबई में पत्रकरों पर हमला करने की घटना रुकने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला टाइम्स नाउ के पत्रकार हरमन गोम्स का है। हरमन गोम्स शनिवार रात जब अपने दोस्तों के साथ टैक्सी से घर जा रहे थे तो घात लगाए बैठे कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में हरमन गोम्स बुरी तरह से घायल हो गए। हमले के बाद हमला करने वाले गोम्स सहित उनके दोस्तों का मोबाइल फोन भी छीन कर फरार हो गए। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने हरमन गोम्स की एफआईआर लिखने से मना कर दिया। आखिरकार दबाव बढ़ने पर पुलिस ने हरमन गोम्स के मामले को दर्ज किया। समाचार लिखे जाने तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
क्या था मामला?
हरमन गोम्स ने बताया कि शनिवार देर रात करीब डेढ़ बजे वह कैब से उतरे। उन्होंने देखा कि गामदेवी इलाके में उसके घर के नजदीक चार से छह लोग इंतजार कर रहे हैं। लोगों ने गोम्स को गाली देनी शुरू कर दी और बाद में उस पर हमला किया। उन्होंने आगे कहा कि आप मेरी हालत देख सकते हैं। मुझे अपनी दाहिनी आंख पर छह टांके लगवाने पड़े। मैं बस इतना कह सकता हूं, ये लोग मेरा इंतजार कर रहे थे। यह आखिरी मिनट में उत्तेजना का मामला नहीं था। वे हमले के लिए तैयार खड़े थे, उन्होंने मेरे दोस्त को भी मारा और उसका मोबाइल फोन ले लिया।
'पुलिस आरोपियों की तलाश में'
इस मामले में वहां के डीसीपी चव्हाण ने बताया कि हमले में पत्रकार घायल हो गया और उसकी शिकायत के आधार पर गामदेवी पुलिस ने बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैर कानूनी तरीके से एकत्र होने), 147 (बलवा), 324 (घातक हथियारों से हमला करने) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। उन्होंने बताया कि हमले के कारण का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एनसीपी नेता ने की निंदा
शहर के पत्रकार संगठनों ने हमले की निंदा की और आरोप लगाया कि पुलिस ने पीड़ित की शिकायत तुरंत दर्ज नहीं की. इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने इस हमले कि कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को टैग करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में बार बार पत्रकारों पर हमले हो रहे है। ये राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने का चिन्ह है। इस मामले जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार कर कार्यवाही होनी चाहिए।
. @TimesNow च्या पत्रकारांवर गावदेवी पोलीस स्टेशन जवळ झालेल्या या हल्ल्याचा तीव्र निषेध. मुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis महोदय, राज्यातील पत्रकारांवर वारंवार हल्ले होत आहेत. हे राज्यातील कायदा व सुव्यवस्था ढासळल्याचेच उदाहरण आहे. आरोपींवर तातडीने कारवाई झाली पाहिजे. https://t.co/1TPr6pNRyh
— Dhananjay Munde (@dhananjay_munde) October 14, 2018
आपको बता दें कि अभी कुछ महिने पहले ही एक और टीवी पत्रकार सुधीर शुक्ल की पिटाई ट्रेन में चलने वाले कुछ गुंडों ने कर दी थी। यह गुंडे सुधीर को ट्रेन में चढ़ने नहीं दे रहे थे, जब सुधीर ने इसका विरोध किया तो इन्होने सुधीर पर हमला कर दिया।