फालोअप: कार्ड क्लोनिंग के लिए रशियन ऐप का उपयोग करता था मनोज


फालोअप: कार्ड क्लोनिंग के लिए रशियन ऐप का उपयोग करता था मनोज
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कुछ दिन पहले क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा था जो विदेशी सैलानियों के डेबिट या क्रेडिट कार्ड का क्लोन तैयार करके एटीएम से पैसे निकाल लेते थे। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोज कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया था। अब इस मामले में मनोज ने पूछताछ में एक नया खुलासा करते हुए बताया है कि उसकी चोरी नहीं पकड़ी जाए इसीलिए वह एक रशियन मेड ऐप ICQ का उपयोग करता था। इस ऐप का डाटा रिस्टोर करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए काफी मुश्किल होता है।

 
'खास ऐप का उपयोग करते थे'
मनोज कुमार ने बताया कि अगर इस ऐप की सहायता से किसी से सम्पर्क किया जाए तो उसका डेटा आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है इसीलिए उसने इस ऐप को चुना था। यही नहीं मनोज के गिरोह के अन्य सदस्य भी इसी ऐप का इस्तेमाल करते थे।

'मलेशिया में सीखा, भारत में अंजाम दिया' 
यह गैंग हर चोरी में इसी ऐप का इस्तेमाल करते थे। इस गैंग के सदस्य कब किसे फोन कर रहे हैं पुलिस यह ट्रेस ही नहीं कर पाती थी। मनोज ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि एक बार वह नौकरी के लिए मलेशिया गया था। वहां पर उसे एक कॉल सेंटर में नौकरी मिल गयी। उसी दौरान वह कार्ड क्लोनिंग करने वाली एक गैंग के सम्पर्क में आया। यह गैंग इसी ऐप का इस्तेमाल करता था और इसके बाद मनोज भारत आकर यहां भी इस गोरखधंदे को शुरू कर दिया।
 
क्या था मामला?
आपको बता दें कि मनोज और उसका गैंग विदेश से भारत आने वाले सैलानी पर नजर रखते। यह गैंग सैलानियों के एटीएम या डेबिट कार्ड की क्लोनिंग करता था। यही नहीं इस काम में मनोज की सहायता वे दुकानदार भी करते जहां सैलानी अपने कार्ड से कुछ शॉपिंग भी करते। इस मामले में पुलिस ने जुबेर सय्यद (30 ), हसन शेख (40), फईम शेख (30), अबू बकर (45) और मुकेश शर्मा (45) को गिरफ्तार किया है. साथ ही मनोज कुमार को 12 जुलाई के दिन चेन्नई से गिरफ्तार किया गया।

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