'वियाग्रा' बेचने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी, 2 गिरफ्तार

मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो अमेरिकी नागरिकों को प्रतिबंधित दवा 'वियाग्रा' खरीदने का झांसा देते थे और इसके बदले में उनसे मोटी रकम ऐंठते थे।

'वियाग्रा' बेचने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी, 2 गिरफ्तार
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मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो अमेरिकी नागरिकों को प्रतिबंधित दवा 'वियाग्रा' खरीदने का झांसा देते थे और इसके बदले में उनसे मोटी रकम ऐंठते थे। पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।

क्या है मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक़ क्राइमब्रांच यूनिट 10 को सूचना मिली कि, अंधेरी पूर्व स्थित मरोल रोड पर बने सुमेर प्लाजा बिल्डिंग के तीसरी मंजिल पर ए.एम.कॉल कनेक्ट नामसे एक कॉल सेंटर है। इस कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों को वियाग्रा(viagra), सियलीस (cialis), मेटाडोर जैसी प्रतिबंधित दवा कम कीमत पर बेचने के नाम पर धोखाधड़ी का काम करते थे। अगर कोई अमेरिकी इस दवा का आर्डर देता था तो वे कोई दूसरी सस्ती दवा भेज देते थे। यही नहीं इस काम के बदले ये लोग अमेरिकी डॉलर से भुगतान लिया करते थे।

पुलिस के अनुसार यह गिरोह पिछले 2 साल से यह काम  कर रहे थे, यही नहीं ये लोग कई अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी कर चुके थे।

पुलिस ने यहां छापा मार कर यहां से 22 कम्प्यूटर, लैपटॉप, 11 हार्ड डिस्क, 1 सर्वर, 12 मोबाइल फोन, वाई-फाई राउटर सहित कई सारे डाटा जब्त किया।

साथ ही पुलिस ने मास्टर माइंड मुदद्सर मकंदर (34) और अश्ले जेनेट डिसूजा (39) को गिरफ्तार किया। इन दोनों को 21 जनवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।

पुलिस ने बताय कि इस कॉल सेंटर में कुल 11 लोग काम करते थे जो फर्राटेदार अमेरिकन अंग्रेजी बोल लेते थे. ये लोग अमेरिका फोन करके उन्हें ब्रीफ करते और 500 से लेकर हजार डॉलर में दवाइयां बेचते थे। हर दिन ये लोग कम से कम 500 लोगों को फोन करते थे। अगर इनमें से एक या दो लोगों ने भी ऑर्डर कर दिया तो डॉलर के रूप में ये अच्छे पैसा कमा लेते थे।

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