सामुहिक बलात्कार के पीड़िता ने आरोप लगाया की जब वह मदद के लिए गृहराज्यमंत्री दीपक केसरकर के पास पहुंची तो केसरकर ने अपशब्दों का इस्तेमाल पीड़ित महिला को अपने कैबिन परिसर से बाहर निकाल दिया।
सामुहिक बलात्कार के पीड़िता ने गृहराज्यमंत्री दीपक केसरकर पर आरोप लगाया है की जब वह मदद के लिए गृहराज्यमंत्री दीपक केसरकर के पास पहुंची तो केसरकर ने अपशब्दों का इस्तेमाल पीड़ित महिला को अपने कैबिन परिसर से बाहर निकाल दिया। पीड़ित महिला ने इस बाबत एक शिकायत मरिन ड्राइव पुलिस को दी हौ और केसरकर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
क्या है मामला मई 2017 में कल्याण मांडा इलाके में रहनेवाली पीड़िता और उसकी नाबालिक बच्ची के साथ 7 लोगों ने प्रसाद में दवाई मिलाकर दोनों के साथ लैंगिंक अत्याचार किया। पीड़ित महिला ने इस शिकायत पुलिस में दर्ज कराने की कोशिश की , लेकिन ढाई महिने बाद पीड़ित महिला की शिकायत लिखी गई। इतना ही नहीं , एक राजनेता के दबाव में पुलिस ने 7 आरोपियों में से सिर्फ 1 आरोपियों पर ही मामला दर्ज किया। महिला का आरोप है की जब वह इसके खिलाफ दिपक केसरकर के पास मदद मांगने के लिए पहुंची तो उन्होने ये कहककर उन्हे अपने ऑफिस से बाहर निकल दिया की "तुम्हारी औकाद क्या है, ज्यादा बोलों नहीं"।
6 महिने में 5 बार बदला घर महिला और उसकी बच्ची के साथ लैंगिक अत्याचार करने के बाद भी आरोपियों ने लगातार महिला को धमकाया। महिला ने आरोपियों की धमकी की वजह से 6 महिने में 5 बार घर बदला है। महिला की इतनी कोशिश के बाद भी अभी तक सारे आरोपियों पर मामला तक दर्ज नहीं किया गया है।
गृहराज्यमंत्री ने पहले भी दिया आश्वासन पीड़ित महिला ने इस मामले को लेकर पहले भी दिपक केसरकर के सामने इस बात को रखा था , दिकप केसरकर ने तब महिला को कार्रवाई का भरोसा दिया था , हालांकी काफी समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके कारण महिला ने सोमवार को फिर से केसरकर से मिली।
सामुहिक बलात्कार के पीड़िता ने गृहराज्यमंत्री दीपक केसरकर पर आरोप लगाया है की जब वह मदद के लिए गृहराज्यमंत्री दीपक केसरकर के पास पहुंची तो केसरकर ने अपशब्दों का इस्तेमाल पीड़ित महिला को अपने कैबिन परिसर से बाहर निकाल दिया। पीड़ित महिला ने इस बाबत एक शिकायत मरिन ड्राइव पुलिस को दी हौ और केसरकर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
क्या है मामला
मई 2017 में कल्याण मांडा इलाके में रहनेवाली पीड़िता और उसकी नाबालिक बच्ची के साथ 7 लोगों ने प्रसाद में दवाई मिलाकर दोनों के साथ लैंगिंक अत्याचार किया। पीड़ित महिला ने इस शिकायत पुलिस में दर्ज कराने की कोशिश की , लेकिन ढाई महिने बाद पीड़ित महिला की शिकायत लिखी गई। इतना ही नहीं , एक राजनेता के दबाव में पुलिस ने 7 आरोपियों में से सिर्फ 1 आरोपियों पर ही मामला दर्ज किया।
महिला का आरोप है की जब वह इसके खिलाफ दिपक केसरकर के पास मदद मांगने के लिए पहुंची तो उन्होने ये कहककर उन्हे अपने ऑफिस से बाहर निकल दिया की "तुम्हारी औकाद क्या है, ज्यादा बोलों नहीं"।
6 महिने में 5 बार बदला घर
महिला और उसकी बच्ची के साथ लैंगिक अत्याचार करने के बाद भी आरोपियों ने लगातार महिला को धमकाया। महिला ने आरोपियों की धमकी की वजह से 6 महिने में 5 बार घर बदला है। महिला की इतनी कोशिश के बाद भी अभी तक सारे आरोपियों पर मामला तक दर्ज नहीं किया गया है।
गृहराज्यमंत्री ने पहले भी दिया आश्वासन
पीड़ित महिला ने इस मामले को लेकर पहले भी दिपक केसरकर के सामने इस बात को रखा था , दिकप केसरकर ने तब महिला को कार्रवाई का भरोसा दिया था , हालांकी काफी समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके कारण महिला ने सोमवार को फिर से केसरकर से मिली।
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