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अब 9वीं में नहीं होगा कोई फेल, री-एग्जाम का प्रावधान हुआ शुरू

पिछले कुछ सालों से कक्षा नौवीं में फेल होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इस संख्या को कम करने के लिए शिक्षा विभाग दसवीं की तरह अब नौवीं में भी री-एक्जाम कराने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव को इसी जून से लागू कर दिया जाएगा।

अब 9वीं में नहीं होगा कोई फेल, री-एग्जाम का प्रावधान हुआ शुरू
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कक्षा नौंवी में पढ़ने वाले बच्चों के चेहरे पर उस समय मुस्कान आ जाएगी जब वे इस खबर को पढ़ेंगे। पिछले कुछ सालों से कक्षा नौवीं में फेल होने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इस संख्या को कम करने के लिए शिक्षा विभाग दसवीं की तरह अब नौवीं में भी री-एक्जाम कराने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव को इसी जून से लागू कर दिया जाएगा।

 

बढ़ी है 9वीं में फेल होने वाले छात्रों की संख्या 

हर स्कूल इसी कोशिश में रहता है कि किसी भी तरह से 10वीं में पढ़ने वाले उनके स्कूलों का पर्सेंटेज अच्छा आए। इसके लिए स्कूल 9वीं के पेपर को थोड़ा कठिन भी बनाते हैं ताकि बच्चे पढ़े और पास हो जाएं। लेकिन पिछले कुछ सालों से 9वीं में पढ़ने वाले बच्चों में फेल होने वालों की संख्या में बढोत्तरी हुई है। 

री-एग्जाम का प्रावधान  

गौरतलब है कि अब तक फेल होने वाले छात्र 17 नंबर का फॉर्म भर कर दसवीं की परीक्षा देने के योग्य हो जाते थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि 9वीं में फेल होने वाले छात्रों का री-एग्जाम कराया जायेगा और उसे पास होने पर ही छात्र दसवीं कक्षा में जा सकेगा।

जून से लागू होगा नियम

स्कूलों का मानना है कि इस पद्धति से छात्रों को फायदा होआ साथ ही स्कूलों के पर्सेंटेज भी सुधरेंगे। सात ही फॉर्म 17 नंबर भरने वाले छात्रों की संख्या में भी कमी आएगी। राज्य के सभी शिक्षा अधिकारी, शिक्षक उपनिदेशक और शिक्षक निरीक्षकों को इस संदर्भ में पत्र भेजा गया है. साथ ही जल्द से जल्द हर स्कूलों में इस प्रक्रिया को लागू करने का आदेश शिक्षा विभाग की तरफ से दे दिया गया है.

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