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छात्र-छात्राओं से छात्रवृत्ति राशि की मांग करने वाले कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी


छात्र-छात्राओं से छात्रवृत्ति राशि की मांग करने वाले कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
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भारत सरकार समाज कल्याण विभाग के माध्यम से अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति (scholarship) के साथ-साथ राज्य सरकार की ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क और प्रतिपूर्ति योजनाओं की मांग कर रही है।  छात्रों व अभिभावकों ने राज्य के समाज कल्याण विभाग के सरकारी व क्षेत्रीय कार्यालयों में भी दस्तावेज व परिणाम में बाधा डालने की शिकायत दर्ज कराई है। समाज कल्याण विभाग द्वारा शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और आयुक्त, समाज कल्याण ने राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे उन कॉलेजों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें जो सरकार के आदेशों का पालन नहीं करते हैं।

केंद्र प्रायोजित 'भारत सरकार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति' और राज्य सरकार की 'ट्यूशन शुल्क, परीक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति मुफ्त योजना' महत्वपूर्ण योजनाएं हैं।  इन छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए 2003 से समय-समय पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार महाविद्यालय या संस्थान किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित अनुसूचित जाति के छात्रों से कोई शुल्क नहीं मांगना चाहिए या फीस के भुगतान पर जोर देकर दस्तावेजों को ब्लॉक भी नहीं करना चाहिए अन्यथा कॉलेजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और समाज कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों के बावजूद कई कॉलेज और संस्थान अनुसूचित जाति के छात्रों को सशर्त प्रवेश दे रहे हैं और यह भी मांग कर रहे हैं कि छात्र पहले फीस का भुगतान करें और फिर छात्रवृत्ति का भुगतान करें। यह कानून और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।

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