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मराठी भाषा को लेकर भड़के अजित पवार कहा, कई विधायकों को मराठी पढ़ने नहीं आती


मराठी भाषा को लेकर भड़के अजित पवार कहा, कई विधायकों को मराठी पढ़ने नहीं आती
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एनसीपी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मांग की है कि राज्य के सभी स्कूलों के स्लेबस में मराठी विषय को अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि कक्षा पहली से 12वीं तक मराठी विषय को पढ़ाया जाना चाहिए। पवार निजी कंपनियों को स्कूल खोलने की मंजूरी देने वाले विधेयक को पेश करने वाले शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के प्रस्ताव पर बोल रहे थे।

विधेयक होगा अंग्रेजी में

अजित पवार ने आगे कहा कि यह स्थिति इसीलिए सामने आयी क्योंकि दिनों दिन मराठी स्कूलों की संख्या घट रही है और इंग्लिश स्कूलों की संख्या में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो यह जो आपके हाथ में मराठी भाषा में विधेयक है वह आने वाले समय में अंग्रेजी भाषा में होगा।


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निजी कंपनियों के स्कूल खोलने का विरोध  

आपको बता दें कि नागपुर में इस समय विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन चल रहा है। बुधवार को राज्य सरकार ने एक विधेयक पेश किया जिसके अंतर्गत राज्य में अब निजी कंपनियां भी स्कूल खोल और चला सकेंगी। इस विधेयक के विरोध में शिवसेना सहित तमाम विधायक थे। आरोप लगा कि इस विधेयक के कारण सरकार से अनुदान पाने वाले स्कूल बंद हो सकते हैं। विधेयक के विरोध में अजित पवार बोल रहे थे।


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विधायकों को मराठी नहीं आती

पूर्व मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि आज ऐसे कई मराठी बच्चे हैं जिन्हे मराठी ठीक से पढ़ने नहीं आता क्योंकि उन्होंने अपने स्कूल में मराठी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ा है। पवार के अनुसार सभागृह में ऐसे कई विधायक हैं जो नयी पीढ़ी के हैं लेकिन इन्हे मराठी पढ़ने नहीं आती, ऐसे विधायक मराठी को अंग्रेजी में अनुवाद करा कर उसका जवाब देते हैं। आशंका जताते हुए उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आएगा जब मराठी नाममात्र की रह जाएगी।


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नहीं तो हम होंगे अल्पसंख्यक

पवार ने कहा कि चाहे अंबानी का स्कूल हो या ओबेरॉय का, हर स्कूल में मराठी अनिवार्य होना चाहिए। हिंदी, अंग्रेजी के अलावा मराठी भी सभी को आनी चाहिए क्योंकि मराठी हमारी मातृभाषा है, अगर ऐसा नहीं होगा तो हम अपने ही देश में देश में अल्पसंख्यक हो जाएंगे।








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