दुनिया डिजिटल होती जा रही है और लेन-देन, शिक्षा और कई महत्वपूर्ण आधिकारिक बैठकें ऑनलाइन (online) हो रही हैं। इसी पृष्ठभूमि में एनएमसी ने अब शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्षेत्र में अपनी शुरुआत की है। इसलिए अब निगम के लाखों छात्र-छात्राएं प्रतिष्ठित निजी स्कूलों के छात्रों की तरह आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
कंप्यूटर (Computer) के इस युग में उनका शैक्षिक और बौद्धिक विकास बेहतर होगा और उनके लिए सरकारी, निजी नौकरी, उद्योग, व्यवसाय करना आसान हो जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव वास्तुकला समिति की अगली बैठक में अनुमोदन के लिए आएगा।
शिवसेना (Shivsena) पार्टी प्रमुख और वर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (udhhav thackeray) और युवा और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya thackeray) नगर निगम के स्कूलों में आधुनिक शिक्षा पर जोर दे रहे हैं। इसीलिए कुछ साल पहले 'वर्चुअल क्लासरूम' की सफल अवधारणा के साथ नगर निगम के स्कूलों में छात्रों के लिए आधुनिक शिक्षा के द्वार खोले गए। नगर पालिका के छात्रों के लिए कंप्यूटर युग में बैठने के बजाय 'टैब' के माध्यम से पढ़ने के लिए एक गैलरी भी खोली गई थी।
इस संदर्भ में इंटरेक्टिव पैनल (LED), यूपीएस और ई-लर्निंग और मल्टीमीडिया सहित एनएमसी की 1300 कक्षाओं में कार्यादेश प्राप्त होने की तिथि से अगले 6 माह में 'डिजिटल कक्षाएं' बनाने व आपूर्ति करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सामग्री (पहली से दसवीं कक्षा) निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए ठेकेदार मेसर्स बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड को 36.79 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
कक्षा में विद्यार्थियों को विशेष पाठ्यक्रम दिया जाएगा जिसमें पजल, एनिमेशन, गेम्स आदि के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी। साथ ही, इस शिक्षा को व्हाइट बोर्ड, स्मार्ट बोर्ड, स्पीकर की मदद से आत्मसात किया जा सकता है। नगर निगम के स्कूलों के शिक्षकों को भी इस डिजिटल क्लास और शिक्षा पर 6 महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नगर शिक्षा अधिकारी महेश पालकर ने हमारे प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि यह डिजिटल शिक्षा शिक्षकों द्वारा स्कूली कक्षाओं में छात्रों को दी जाएगी और इसके लिए एक इंटरेक्टिव पैनल (एलईडी) का उपयोग किया जाएगा। साथ ही इस पैनल के माध्यम से छात्रों को दिए गए शैक्षिक पाठों को अच्छी तरह से याद और रिचार्ज किया जाएगा। इसी तरह, छात्र भी इस पैनल का उपयोग करके परीक्षा दे सकेंगे।