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महाराष्ट्र कैबिनेट ने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में प्रवेश और फीस के नियमन पर विधेयक को वापस लेने की मंजूरी दी

महाराष्ट्र गैर सहायता प्राप्त निजी व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश और शुल्क का विनियमन) अधिनियम संशोधन विधेयक को वापस ले लिया जाएगा और संशोधनों के साथ फिर से अधिनियमित किया जाएगा।

महाराष्ट्र कैबिनेट ने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में प्रवेश और फीस के नियमन पर विधेयक को वापस लेने की मंजूरी दी
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ( Eknath shinde)  की अध्यक्षता में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राज्य के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में प्रवेश और फीस के नियमन ( bill on regulation of admission and fees in recognized universities) से संबंधित केंद्र की मंजूरी के लिए भेजे गए विधेयक को वापस लेने का फैसला किया। इसके साथ ही  महाराष्ट्र गैर सहायता प्राप्त निजी व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश और शुल्क का विनियमन) अधिनियम संशोधन विधेयक को वापस ले लिया जाएगा और संशोधनों के साथ फिर से अधिनियमित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, "केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा संचालित प्रवेश प्रक्रिया के आधार पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में प्रवेश अनिवार्य कर दिया गया है। चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश भी संबंधित शीर्ष निकायों द्वारा नियंत्रित किया जाता है,  इस मामले को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया था कि बिल वापस लिया जाए ।"

एक अन्य निर्णय में राज्य मंत्रिमंडल ने ओबीसी और खानाबदोश जनजातियों के विभिन्न पाठ्यक्रमों के 50 छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देने को मंजूरी दी।  यह मौजूदा शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होगा। राज्य सरकार 12.90 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार वहन करेगी।

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