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यूनिवर्सिटी की लापरवाही भुगत रहे सैकड़ों छात्र


यूनिवर्सिटी की लापरवाही भुगत रहे सैकड़ों छात्र
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मुंबई यूनिवर्सिटी का एक निर्णय हजारों छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। दरअसल यूनिवर्सिटी के के वॉइस चांसलर डॉ. संजय देशमुख ने निर्णय लिया था कि इस बार उत्तर पुस्तिका ऑनलाइन जांची जायेगी। लेकिन अप्रैल महीने के समाप्त होने को कुछ ही दिन बचे है बावजूद इसके ऑनलाइन जांच प्रक्रिया को अभी तक शुरू ही नहीं किया गया है। शनिवार को इसका टेंडर पूरा हुआ, इस टेंडर में मात्र तीन कम्पनियों ने ही हिस्सा लिया था। इस प्रक्रिया को 5 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया है। यूनिवर्सिटी द्वारा की जा रही इस देरी से कई छात्र अपने एडमिशन को लेकर सशंकित हैं।

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उत्तर पुस्तिका जांचने के लिए समय लगता था जिससे छात्रों का रिजल्ट आने में लेट हो जाता था इसीलिए यूनिवर्सिटी ने इस समय को बचाने के लिए ही उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई थी। लेकिन यूनिवर्सिटी की लापरवाही से इसइस बार भी छात्रों का रिजल्ट आने में देरी की संभावना जताई जा रही है।

ऑनलाइन उत्तर पुस्तिका को जांचने के लिए तीन कम्पनियों का आना इस बात को दर्शाता है कि इस काम को अच्छा प्रतिसाद नहीं मिल रहा है, इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी ने प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है।

उत्तरपुस्तिका को ऑनलाइन जांचने में काफी खर्च भी आता है, इसकी भरपाई के लिए आने वाले नए सत्र में यूनिवर्सिटी ने फीस बढ़ाने का निर्णय लिया है, लेकिन छात्र अधिक फीस चूका कर भी उनका रिजल्ट निकलने में देरी होने की बात से तो यही लगता है कि यूनिवर्सिटी की लापरवाही की सजा छात्र भुगतने के लिए मजबूर हैं।

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