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कॉलेज की गलती की सजा भुगत रही स्वाति बागडे


कॉलेज की गलती की सजा भुगत रही स्वाति बागडे
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स्वाति बागडे सिद्धार्थ कॉलेज में लॉ की विद्यार्थी हैं, 2015 में इन्होंने सिद्धार्थ कॉलेज में लॉ की परीक्षा दी थी, लेकिन कॉलेज ने स्वाति बागडे के प्रैक्टिकल का नंबर जल्द नहीं दिया, जिसके कारण LLB के तीसरे वर्ष का रिजल्ट रुक गया। दो वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक उनका रिजल्ट जारी नहीं हुआ है। स्वाति के साथ 4 अन्य विद्यार्थी भी थे, जिन्हें मार्च 2016 में विद्यापीठ ने एक मीटिंग के बाद रिजल्ट दे दिया गया। स्वाति ने इस विषय में ‘विद्यार्थी शिकायत निवारण कक्ष’ में भी शिकायत की जिसमें स्वाति के पक्ष में निर्णय दिया गया। इस मामले में पूर्णत: कॉलेज की गलती बताई गई।

स्वाति का कहना है कि पिछले दो वर्ष से मैं घर पर ही हूं, रिजल्ट जारी नहीं होने से मुझे कहीं भी जॉब नहीं मिला। मेरा रिजल्ट 23 जुलाई 2015 को निकाला था, जिसमें मुझे प्रैक्टिकल में अनुपस्थित दिखाया गया। जिसके बाद मैंने इस बात की शिकायत कॉलेज से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर आखिरकार स्वाती ने उच्च न्यायालय में जाने का निर्णय लिया। उच्च न्यायालय ने 8 मार्च 2017 को निर्णय दिया, जिसमें कॉलेज की पूर्णत: चूक मानी गई। कॉलेज ने 15 हजार रूपये दंड भरने और स्वाति को जल्द रिजल्ट देने का आदेश दिया। जिसके बाद 29 मार्च को सिद्धार्थ कॉलेज ने दंड की रकम भरी, लेकिन रिजल्ट नहीं दिया। जिससे स्वाति का 2 वर्ष बर्बाद हो गया।

मुंबई विद्यापीठ के रजिस्ट्रार एम. ए. खान का कहना है कि इस पूरे मामले में कॉलेज की चूक है, कॉलेज ने विद्यापीठ के पास प्रैक्टिकल का नंबर देरी से भेजा, जबकि विद्यापीठ ने तत्काल मार्कशीट जारी कर दिया।

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