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अम्मीजान ने बनाया शाहरुख को किंग खान


अम्मीजान ने बनाया शाहरुख को किंग खान
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हर साल की तरह इस साल भी घर के बाहर हजारों का जमावड़ा था। तेज बारिश भी उनके जज्बे को कमजोर नहीं कर पा रही थी। वो अपने हीरो की एक झलक पाने के लिए टकटकी लगाए खड़े थे। तभी अपने फैन्स को कभी निराश ना करने वाला उनका हीरो अपने घर की छत पर आता है और सबको ईद की मुबारक बात देता है। हम बात कर रहे हैं किंग खान यानी शाहरुख खान की, जिसे कई लोग बादशाह के नाम से भी जानते हैं। शाहरुख ने बॉलीवुड में अपने करियर के 25 साल पूरे कर लिए हैं। इस सिल्वर जुबली और ईद के मौके पर हमने उनसे खास मुलाकात की।


हाइलाइट्स


  • ईद सेलिब्रेशन
  • सिल्वर जुबली
  • जनता के हीरो कब
  • दिल्ली-मुंबई और मन्नत
  • जो अभी तक नहीं किया
  • अम्मीजान का प्रेम
  • अहमदाबाद की सेजल


25 साल पहले की ईद और आजकी ईद में कितना फर्क?

मुझे तो कोई ज्यादा फर्क दिखाई नहीं देता। ईद, दिवाली और जन्मदिन पर हर साल लोग प्यार से मेरे घर के सामने आते हैं। उसी तरह आजका भी माहौल है। इस बार मैं आज (ईद) के दिन परिवार वालों के लिए कुछ खाना पकाने वाला हूं। उसकी लिस्ट मैंने तैयार कर फोन में सेव कर ली है। यह पहली ऐसी ईद होगी जब मैं अपने परिवार वालों के लिए कुछ पकाऊंगा।


फिल्मों में आपने बहुत से किरदार निभाए, आपके दिल के करीब कौन सा है?

मैं इस बात पर बिलकुल भी यकीन नहीं करता कि जो किरदार मैं फिल्मों में निभा रहा हूं, वह मेरे दिल के करीब होना चाहिए। बल्कि मैं चाहूंगा कि मैं अपने किरदार से दर्शकों को यकीन दिला पाऊं। एक एक्टर का काम होता है दूसरों को कन्वेंस करना। कैरेक्टर का तो पता नहीं पर मैंने जो रोल किए उनमें कबीर खान, और माई नेम इज खान मुझे बहुत इंट्रेस्टिंग लगे, डॉन की एक्टिंग करके तो कुछ ज्यादा अच्छा लगा। मैंने फैन फिल्म को बहुत ज्यादा एंज्वाय किया।


किस फिल्म के बाद घर के सामने भीड़ बढ़ना शुरु हुई?

मैं सच बोलूं तो मुझे नहीं लगता है, कि मेरे घर के सामने जो भीड़ इकठ्ठा होती है वह मेरे स्टारडम की वजह से है। मेरे घर की पॉजीशन इतनी सही है कि लोग अपने आप आते हैं। आमिर, सलमान, अमित जी और कई एक्ट्रेसस के घर के सामने भी लोग बड़ी संख्या में इकठ्ठा होते हैं। पर घर की सही पॉजीशन की वहज से यहां पर ज्यादा लोग दिखते हैं। इस मामले में मैं खुद को लकी मानता हूं। मेरा टैलेंट हो ना हो घर बहुत सही है।


समुद्र के किनारे घर लेने की कोई खास वजह?

मैं दिल्ली से हूं, वहां समुद्र नहीं है। तो मैंने मुंबई आने से पहले समुद्र देखा भी नहीं था। पर यहां दिल्ली से काफी अलग है, एक पतली सी गली से निकलो और समुद्र मिल जाता है। पर एक बात है समुद्र मुझे हमेशा पहचान कराता है कि दुनियां के सामने मैं कितना तुक्ष्य हूं। समुद्र के किनारे मेरा घर हो मेरा ऐसा कोई शौख नहीं था।


25 साल के करियर में टर्निंग पॉइंट क्या रहे, वह क्या होगा जहां अब आप जाना चाहेंगे?

मैं कहीं भी नहीं जाना चाहता। जहां पर मैं हूं वह दुनिया का सबसे अच्छा मुकाम है। मैं यह बिलकुल भी नहीं कह सकता कि पहले अच्छा था आज बुरा है, या पहले खराब था आज अच्छा है। मैंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं मणिरत्नम साब के साथ काम करने के लिए अपना दाहिना हाथ दे सकता हूं। वो मैं आज भी दे सकता हूं। मैं हमेशा एक्ट्रेस को कहता हूं कि ऐसे डायरेक्टर के साथ बिलकुल भी काम ना करें, जिनके साथ उनके रिश्ते बेहतर ना हों। यही रिश्ते ही टर्निंग पॉइंट होते है। मेरे टर्निंग पॉइंट अजीज मिर्जा के साथ अलग, यशराज के साथ अलग और करण जौहर के साथ अलग हैं, पर सब अच्छे हैं। फिल्में में भी खराब हुई हैं फिर भी रिश्ते अच्छे रहे हैं। उन्होंने मुझसे सीखा और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा।


यंग एक्ट्रेस आपके साथ काम करना चाहती हैं, क्या कहेंगे?

मैं चाहता हूं कि मेरे साथ युवा पीढ़ी की एक्ट्रेसेस काम करें, नहीं तो वे एक अच्छा अनुभव लेने से वंचित रह जाएंगी।


अम्मीजान (मां) के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

मेरे पैरेंट्स बहुत फनी और बहुत ही फ्री थिंकिंग थे। उन्होंने मेरे ऊपर कोई चीज जबरन नहीं थोपी। उन्होंने बस यही कहा था कि पढ़ लिख लो। मेरा फिल्मों के प्रति झुकाव मेरी मां की वजह से ही बढ़ा था। उस टाइम पर हमारे पास बीसीआर था, तो विश्वजीत की फिल्में मां के साथ देखते थे। फिल्में देखने इसलिए मिलती थी कि क्योंकि उनके पैर दबाता था।


अहमदाबाद में बहुत सी सेजल से मिले अनुभव कैसा रहा?

अगर मैं बातौर एक्टर कहूं तो मुझे इससे बड़ा कोई उपहार नहीं मिल सकता। बुजुर्ग औरतें, छोटी बच्चियां, जवान लड़कियां मेरे गले ऐसे लगती हैं, मुझे ऐसे चूमती हैं, जैसे मैं उनका अपना हूं। उनके पैरेंट्स, पति, बॉयफ्रेंड खुद कहते हैं कि इन्हें गले लगाएं, ये आपसे बहुत प्यार करती हैं। मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि औरते मुझे इतना इज्जतमंद मानती हैं कि वे खुलकर मुझसे प्यार जता पाती हैं।


भविष्य में ऐसा क्या करना चाहेंगे जो आपने अबतक नहीं किया?

मैं दुनिया भर की महिलाओं को गाना सुनाना चाहता हूं, जिसमें उम्र का बंधन ना हो, मैं 3 साल की बच्ची को भी गाना सुना सकूं और नानी-दादी को भी। जिसके लिए मुझे 20 गाने सीखने होंगे, साथ ही गिटार बजाना भी सीखना होगा। मैं चाहूंगा कि मैं उन्हें एयरपोर्ट पर या किसी भी जगह गाने गाकर सुना सकूं। यही मेरे जीवन का सपना है। जिस दिन यह हो जाएगा मैं खुद को रिटायर्ड समझ लूंगा। 


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शाहरुख खान ईद सेलिब्रेशन 2017

 

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