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मकरंद सोसायटी स्वच्छता की मिसाल


मकरंद सोसायटी स्वच्छता की मिसाल
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मुंबई के माहिम में समुद्री किनारों से सटे रिहायशी इलाकों में एक है मकरंद सोसायटी।  मकरंद सोसायटी पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की राह में चल पड़ा है। यह सोसायटी पूरी तरह से स्वच्छ है। कचरे को नियोजित करके इस सोसायटी ने एक तरह से मनपा का काम भी हल्का किया है।


इस सोसायटी में साफ़ सफाई करने वाली दो महिलाए हैं, जिनका नाम  सरला गुलाब पाटील (45) आणि गंगू दगडू शिंदे (30) है। यहां जमा कचरे से खाद बनाई जाती है और उस खाद का उपयोग पेड़ पौधे को देने के लिए होता है। इसीलिए यह सोसायटी साफ और हरा भरा दिखाई देता है।

छह मंजिला ईमारत मकरंद सोसायटी में कुल 30 फ़्लैट हैं जिनमें 120 परिवार रहते हैं। लेकिन कचरे को नियोजन करने से यह खुबसूरत और साफ़ सुथरा दिखाई देता है।  इस जी/नार्थ विभाग विभाग के अध्यक्ष अशोक रावत ने बताया कि जिस पानी का प्रयोग पेड़ों की सिंचाई के लिए किया जाता है उसी पानी का प्रयोग टॉयलेट में भी किया जाता है जिससे पानी की बचत और नियोजन होती है।

अगर मकरंद सोसायटी की तरह मुंबई की सभी सोसायटियों ने अपना कचरे का नियोजन करना सीख लिया तो मुंबई शहर को स्वच्छ शहर और हरित शहर बनने से कोई नहीं रोक सकता।


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