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स्वाध्याय परिवार की निर्मलाताई का निधन


स्वाध्याय परिवार की निर्मलाताई का निधन
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ठाणे – स्वाध्याय परिवार के प्रणेता स्व. पांडुरंगशात्री आठवले की पत्नी निर्मलाताई आठवले का सोमवार शाम ठाणे के तत्वज्ञान विद्यापीठ में निधन हो गया। वह 90 वर्ष की थी। बुधवार को शाम 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्वाध्याय परिवार की तरफ से बताया गया कि निर्मलाताई के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए तत्वज्ञान विद्यापीठ में रखा गया है। उनका बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। निर्मलाताई के निधन से लाखों स्वाध्यायियों में शोक की लहर फैल गई है।
पांडुरंग शास्त्री आठवले दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरू तथा समाज सुधारक थे। उनको प्राय: दादाजी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने सन 1954 में स्वाध्याय आन्दोलन चलाया और स्वाध्याय परिवार की स्थापना की। स्वाध्याय आन्दोलन भागवत गीता पर आधारित आत्म-ज्ञान का अन्दोलन है जो भारत के एक लाख से अधिक गांवों में फैला हुआ है, और इसके लाखों सदस्य हैं। दादाजी श्रीमद भागवत गीता एवं उपनिषदों पर अपने प्रवचन के लिये प्रसिद्ध थे। उन्हें सन 1976 में धर्म के क्षेत्र में उन्नति के लिये टेम्पल्टन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सन् 1999 में उन्हें सामुदायिक नेतृत्व के लिये मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। उसी वर्ष भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया।

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