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हाई कोर्ट ने सख्त पाबंदियों के साथ मोहर्रम के जुलूस की इजाजत दी

दक्षिण मुंबई में डोंगारी और मझगांव कब्रिस्तान के बीच जुलूस की अनुमति है

हाई कोर्ट ने सख्त पाबंदियों के साथ मोहर्रम के जुलूस की इजाजत दी
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कोरोना की पृष्ठभूमि में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस साल सख्त पाबंदियों के तहत मोहर्रम  का जुलूस निकालने की इजाजत दे दी है।  उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि टीकाकरण के 14 दिन पूरे करने वाले को ही 'ताजिया' जुलूस में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।

हालांकि सड़कों पर जुलूस पर रोक लगा दी गई है। सात ट्रकों में से एक प्रतीकात्मक शोक जुलूस की अनुमति है। एक ट्रक पर सिर्फ 15 लोगों को जाने की अनुमति है।

दक्षिण मुंबई में डोंगारी और मझगांव कब्रिस्तान के बीच जुलूस की अनुमति है।  इसके लिए समय सीमा शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक होगी।  साथ ही जुलूस के अंत में कब्रिस्तान में केवल 25 लोगों को जाने की अनुमति होगी, उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया।

मुंबई हाई कोर्ट ने शिया मुस्लिम एसोसिएशन को शुक्रवार 20 अगस्त को मुंबई में मुहर्रम के मौके पर सांकेतिक शोक जुलूस निकालने की इजाजत दे दी है। उच्च न्यायालय ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि जुलूस में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति के नाम गुरुवार दोपहर तक उस विभाग के पुलिस उपायुक्त को देना होगा।

राज्य सरकार ने अनलॉक प्रतिबंधों में ढील दी है क्योंकि वर्तमान में कोरोनावायरस के मामले घट रहे हैं।  इसलिए उच्च न्यायालय ने कोरोना के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए कहा कि हर धर्म को इस साल अपने त्योहार मनाना चाहिए।  साथ ही ये निर्देश याचिकाकर्ताओं को सिर्फ मुंबई में दिए गए हैं।

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