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दहीहंडी में 14 साल से कम उम्र के गोविंदाओं पर रोक


दहीहंडी में 14 साल से कम उम्र के गोविंदाओं पर रोक
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दहीहंडी नजदीक आने के बाद अब बार फिर से गोविंदाओं की उम्र को लेकर बहस शुरू हो गयी है। दहीहंडी समन्वय समिती के अध्यक्ष बाला पडेलकर ने कहा कि 14 साल से कम होने पर गोविंदाओं को थर (पिरामिड) में शामिल नहीं होने दिया जायेगा। आपको बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस बारे में पहले से ही दिशा निर्देश तय किया है।

 

हाई कोर्ट ने सुरक्षा को लेकर दिया था निर्देश 

हाई कोर्ट ने पिछले साल सुनवाई को लेकर दही हांड़ी को लेकर कई नियम और शर्तें तय की थी। इनके तहत सभी दाही हांडी आयोजनों के लिए गद्दों और मेट्रेस की लेयर का इंतजाम हो। हिस्सा लेने वाले गोविंदा का बीमा हो और उन्हें चेस्ट गार्ड हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट मुहैया कराई जाए। सभी हिस्सा लेने वालों का पंजीकरण हो। हर आयोजन स्थल पर नाइलोन की रस्सी का मजबूत जाल तैयार रहे। आयोजन स्थल पर फर्स्ट एड और एंबुलेंस तैयार रहे। जख्मी होने पर गोविंदा को तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए और फौरन अस्पताल भेजा जाए। गोविंदा के लिए दिए जाने वाले वाहन में किसी तरह की लाठी या हथियार ना हो। शराब पिए व्यक्ति को आयोजन में हिस्सा न लिया जाने दिया जाए। आयोजन के लिए तैयार स्टेज पूरी तरह मजबूत हो और ज्यादा लोगों को स्टेज पर ना चढ़ाया जाए। पानी में किसी तरह के नुकसानदेह केमिकल न मिलाए जाएं। आयोजन के लिए निगम, पुलिस, फायर और अन्य संबंधित विभागों से पहले अनुमति ली जाए।

घोषित ईनाम भी दिए जाएं 

दहिहंडी समन्वय समिती ने बताया कि कई स्थानों पर हांड़ी फोड़ने के बावजूद गोविंदाओं को घोषित ईनाम नहीं दिए जाते जिससे गोविंदाओं में नाराजगी फैलती है इसीलिए मंडल की तरफ से जो भी घोषित ईनाम रखे जाते हैं वे गोविंदाओं को जरूर देना चाहिए।

गोविंदाओं का हो बीमा

राज्यभर में डेढ़ हजार से भी अधिक गोविंदा हैं, साथ ही बड़ी संख्या में घायल होते हैं और कुछ लोगों को तो अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ता है। सुरक्षा की दृष्टि से गोविंदाओं को बीमा भी जरूर करवाना चाहिए।


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