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पीओपी से बनी मूर्तियों की न तो पूजा करें न ही विसर्जित: हाई कोर्ट

पीठ ने आगे कहा, 'पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंध अचानक नहीं लगाया गया है। यह फैसला 2012 से प्रभावी है।

पीओपी से बनी मूर्तियों की न तो पूजा करें न ही विसर्जित: हाई कोर्ट
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प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी गणेश की मूर्तियों को गणेशोत्सव के दौरान मूर्तियों के रूप में नहीं, बल्कि एक वस्तु के रूप में बेचा जाता है।पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित होने वाली इस पीओपी के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, भक्तों को ऐसी मूर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए और पीओपी की मूर्तियों को कहीं भी विसर्जित नहीं किया जाना चाहिए।

केंद्र और राज्य सरकार ने पीओपी की मूर्तियों को पर्यावरण के लिए हानिकारक होने के आधार पर प्रतिबंधित कर दिया है। इसके तहत नागपुर नगर निगम ने पीओपी मूर्तियों की बिक्री और भंडारण पर भी रोक लगा दी है।

इस फैसले के खिलाफ विनोद कुमार गुप्ता और श्री गणेश मूर्तिकर फाउंडेशन ने नागपुर बेंच में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि मूर्तिकारों को अपने पीओपी मूर्तियों के स्टॉक को बेचने की अनुमति दी जाए। इस  याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने यह फैसला सुनाया।

पीठ ने आगे कहा, 'पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंध अचानक नहीं लगाया गया है। यह फैसला 2012 से प्रभावी है। कहा जा सकता है कि इससे मूर्तिकारों को आर्थिक नुकसान हुआ है। मूर्तिकारों को उनके वित्तीय हितों की रक्षा के लिए लगाई गई शर्तों पर बेचने की अनुमति दी जाएगी।'

हालांकि, बेंच ने मूर्तियों की बिक्री की मांग को खारिज कर दिया

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