जहां एक ओर मुंबई (mumbai) में कोरोना (Coronavirus) रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर मलेरिया (malaria) भी बढ़ रहा था। मलेरिया के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए BMC की भी मुश्किलें बढ़ने लगी थी। इसे देखते हुए BMC कर्मियों ने मलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया। अपनी जान जोखिम में डालते हुए कर्मियों ने मुंबई के कई स्थानों को चिन्हित किया जहां डेंगू (dengue) के पाए जाने की संभावना थी। BMC ने ऐसे हजारों जगहों को चिन्हित कर वहां साफ सफाई की। जिसके बाद से मलेरिया काफी हद तक नियंत्रण में आया।
मुंबई में बारिश (monsoon) के दौरान होने वाली बीमारियां मलेरिया, डेंगू, पीलिया और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में BMC का स्वास्थ्य विभाग सफल रहा है। पिछले साल अक्टूबर में मलेरिया के 536 मामले सामने आए थे। जबकि इस साल 11 अक्टूबर तक मात्र 160 मरीज पाए गए। पिछले साल की तुलना में इस साल विभिन्न बीमारियों से पीड़ित रोगियों की संख्या में कमी आई है।
मानसून के मौसम में मलेरिया, डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, मलेरिया और पीलिया जैसे विभिन्न संक्रामक रोग फैलते हैं। और इस बार तो कोरोना (Covid-19) संकट के कारण संक्रामक बीमारियों को रोकना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, कोरोना के बाद, स्वास्थ्य विभाग मानसून में होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने में सफल रहा है।
मुंबई में इन महामारियों को रोकने के लिए कीटनाशक छिड़काव, मच्छर भगाने का छिड़काव, डोर-टू-डोर निरीक्षण, स्वच्छता गतिविधियों, नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाना, इन बड़ी बीमारीयों को रोकने के लिए कारगर उपाय साबित हुए हैं।
अक्टूबर महीने में मरीजो की संख्या
बीमारी 2019 2020
मलेरिया 536 160
लेप्टो 30 15
डेंग्यू 42 01
गॅस्ट्रो 386 31
हिपेटायटिस 70 03
स्वाइन फ्लू 04 00