Advertisement

पीठ में होनेवाले दर्द को हल्के में ना ले महिलाएं


पीठ में होनेवाले दर्द को हल्के में ना ले महिलाएं
SHARES

एक सर्वेक्षण से बात सामने आई है की महिलाएं बहुत ज्यादा जरुरी होने पर ही पीठ दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाती है। दिनभर के ऑफिस और घर के कार्य के बाद महिलाओ को पीठ दर्द की शिकायते ज्यादा होती है , लेकिन इस पीठ दर्द को महिलाएं हमेशा हल्के में लेती है। जो की बाद में एक बेहद गंभीर बीमारी का रुप धारण कर लेता है।

कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी असपताल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टरो ने ब्रेन और पीठ दर्द के विषय में महिलाओं पर एक सर्वेक्षण किया था, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है।


क्या है सर्वेक्षण की मुख्य बातें-

  • सामाजिक और आर्थिक स्थिती के कारण महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ऑपरेशन पर कम ध्यान देती है।
  • पुरुषों को कम तकलीफों का सामना करना पड़ता है, 90 फिसदी पुरुष को 5 साल से भी कम तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
  • महिलाओ की तुलना में पुरुषों में पीठ दर्द काफी देर से शुरु होता है।
  • काफी महिलाएं घर के साथ साथ ऑफिस का कार्य भी देखती है।जिसके कारण उन्हे थकान आना, तनाव आना स्वाभिक होता है, इतना ही नहीं कैल्शियम की मात्रा भी कई बार उनमें कम हो जाती है।

महिलाओं को क्यों होती है परेशानियां-

  • गर्भवती होने के दौरान महिलाओं को पीठ दर्द की तकलीफ काफी ज्यादा होती है।
  • अतिरिक्त काम के बोझ के कारण भी महिलाओं को ऐसी तकलीफों का सामना करना पड़ता है।

क्या है इनके उपाय-

  • भरपुर मात्रा में भोजन लेना
  • रोज दूध पीना
  • मांस, मछली और शाकाहारी खाने में पालक की सब्जियां ज्यादा खाएं
  • विटमीन डी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टरो की सलाह के बाद कोई सप्लीमेंट ले
  • हर रोज 15 से 20 मिनट तक व्यायाम करें
  • बार बार पीठ में दर्द होने पर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर की सलाह ले
  • हर एक घंटे बैठने के बार 5 से 10 मिनट का वॉक जरुर करे

वोक्हार्ट हॉस्पिटल की ऑर्थोपेडिक डॉ. प्रियांक का कहना है की "60 फिसदी महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, कैल्शियम के साथ साथ हार्मोन्स की कमी के कारण भी महिलाओं में धकान, तनाव और कमजोरी आ जाती है। "

कांदिवली के शताब्दी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक डॉ.ओम ने महिलाओं को खास बातें ध्यान में रखने की हिदायत दी है। डॉ.ओम के मुताबिक एक ओपीडी में दिन में ही 70 से 80 मरीज आते है, जिनमें से 60 फिसदी महिलाएं होती है। पीठ दर्द का सही समय पर इलाज ना होने के कारण महिलाओं में ये समस्या और भी बढ़ती जा रही है।

सेंट जॉर्ज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक डॉ. रविराज शिंदे का कहना है की हमारे यहां 60 फिसदी महिलाएं पीठ या कमर दर्द की शिकायत लेकर आती है। गर्भवती होने के समय महिलाओं में ये तकलीफ काफी बढ़ जाती है। शरीर में कैल्शियम का आभाव हो जाता है, 45 से 65 साल की महिलाओं के बीच यह समस्या ज्यादा पाई जाती है, इन वर्ग की महिलाओं को रोजाना व्यायाम करना चाहिेए।

डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।

मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।

(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दे)

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें