प्लास्टिक के अंडे को लेकर लोगों में फैले डर को एफडीए ने सिर्फ एक अफवाह बताया है। एफडीए का दावा है कि प्लास्टिक का अंडा बन ही नहीं सकता है। हाल ही में डोम्बिवली में प्लास्टिक के अंडे बिकने की खबर से लोगों में डर का माहौल फ़ैल गया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से बाजारों में प्लास्टिक का अंडा होने का आतंक फैला हुआ है। प्लास्टिक के अंडो की खबर सुर्खियों में है। प्लास्टिक के अंडे का आतंक इस कदर कि काफी लोगों ने अंडा खाना बंद कर दिया है। अंडे की बिक्री अचानक कम हो जाने से थोक व खुदरा कारोबारी भी परेशान हैं।
इस बारे में मुंबई लाइव के संवाददाता ने एफडीए जाकर पूरी सच्चाई का पता लगाया। एफडीए के सहायक आयुक्त (अन्न) सुरेश अन्नपुरे ने कहा कि प्लास्टिक का अंडा अफवाह मात्र है। इसकी जांच के आदेश शुक्रवार को ही संबंधित अधिकारीयों के दे दिए गये थे। कई अंडों के नमूने लाकर उनकी जांच की गयी लेकिन कोई भी संदेहजनक चीज नहीं मिली।
अन्नपुरे ने आगे बताया कि दरअसल अंडे प्लास्टिक के नहीं बल्कि कृत्रिम अंडे ही हैं लेकिन वे मुर्गी के न होकर बत्तख के अंडे हैं जिसे बेच कर ग्राहकों को फंसाया जा रहा है। अन्नपुरे ने बताया कि प्लास्टिक के अंडे नहीं हो सकते। उन्होंने ग्राहकों को हिदायत दी कि वे अंडे खरीदते समय सावधान रहें की वे ख़राब अंडे तो नहीं हैं।
कैसे पहचाने नकली और असली अंडे को
नकली अंडे की परत असली अंडे की अपेक्षा अधिक खुरदरी होती है। नकली अंडे का पीला भाग बिखर जाता है, जबकि असली अंडे का नहीं बिखरता नहीं है वह एक जगह ही रहता है। नकली अंडे को पकाने पर मांस की गंध आती है। नकली अंडे का पोच नहीं बन पाता है।
क्या कहना है विशेषज्ञों का
विशेषज्ञों का कहना कि अंडे की तीन परत होती है। पहली परत खोल होता है। दूसरी परत सादा तरल पदार्थ तथा तीसरा पीले रंग का पीला होता है। नकली अंडे का निर्माण कैलशियम कार्बोनेट, जिपस्म आदि की मदद से बनाया जाता है और पीले भाग को बनाने में केमिकल का इस्तेमाल होता है.
स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं नकली अंडे
नकली अंडे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। चूंकि प्लास्टिक पचता नहीं है। इस कारण इससे पेट से संबंधित बीमारियां व अन्य रोग उत्पन्न होते हैं तथा आदमी को बीमार कर सकता है।