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कम उम्र के बच्चो मे कोरोना के बढ़ रहे मामले चिंता का विषय, राज्य सरकार इस संबंध में अलग दिशानिर्देश जारी करे - सांसद मनोज कोटक


कम उम्र  के बच्चो मे कोरोना के बढ़ रहे  मामले चिंता का विषय, राज्य सरकार  इस संबंध में अलग दिशानिर्देश जारी  करे - सांसद मनोज कोटक
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मुंबई कोरोना का तेजी से  हो रहा प्रसार चिंता का विषय है, क्योंकि कोरोना के  दूसरी लहर  के  प्रभाव के चलते पहले की अपेक्षा बच्चे इसके ज्यादा चपेट मे आ रहे , महाराष्ट्र सरकार इस संदर्भ मे  अलग दिशा-निर्देश जारी करें, ऐसी मांग उत्तर पुर्व मुंबई के सांसद मनोज कोटक(Manoj kotak)  ने  की है,साथ ही पेरेंट्स से अपील की है कि तेजी से बढ़ रहे कोरोना के   मामले  और बच्चों में  बढ़ रहे असर को लेकर वे सतर्क रहें,,

राज्य में मार्च महीने  में लगभग 55,000 से ज्यादा  बच्चे- युवा (20 वर्ष तक ) कोरोना   संक्रमित  पाए गए है। इनमें 0 से 10 साल के 15,500 बच्चे और 11 से 20 साल के 40,000 छोटे (बच्चे-युवा) शामिल थे।मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अनुसार, मार्च महीने मे  राज्य के तकरीबन 6 लाख  से ज्यादा कोरोना संक्रमित मे से  बच्चो और 20 साल तक  युवाओं की संख्या मिलाकर  लगभग 55,000 से ज्यादा है  ।

मार्च में कुल  कोरोना संक्रमितो मे से  में 21 से 30 वर्ष की आयु के  17 प्रतिशत मरीज, 31 से 40 वर्ष की आयु के  22 प्रतिशत मरीज, 41 से 50 वर्ष की आयु के  मरीज 18 प्रतिशत है। इस साल, जनवरी में  0-10 आयु के 2000, फरवरी में 2700 और मार्च में 15,500 यानी मरीजों की संख्या बढ़ी है। 10-20 वर्ष की आयु वर्ग में, यह संख्या जनवरी मे  5300, फरवरी मे 8000 और मार्च मे 40,000 है।

पिछले साल, 0-10 आयु वर्ग में 87,000 बच्चे और 10-20 आयु वर्ग में 1.82 लाख बच्चे कोरोना की चपेट में आए थे।राहत वाली बात यह है कि इस कैटेगरी मे पिछले साल की अपेक्षा इस साल कम मौत हुई है ।

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