सांताक्रूज के सूर्या हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक बार फिर से एक मासूम की जान बचाई। 22 सप्ताह में ही समय से पहले पैदा हाने वाले बच्चे को हॉस्पिटल के डॉक्टरो ने सफलता पुर्वक बचा लिया।
22 सप्ताह की प्रसुति को 'प्री मैच्युअर डिलीवरी' भी कहा जाता है। 12 मई 2017 को रितीका बजाज को गर्भ के दौरान ही दर्द होने लगा, जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टरो ने रितीका की डिलवरी करने का निर्णय लिया। 22 सप्ताह में जन्म प्री मैच्युअर बेबी का वजन 610 ग्राम था, तो वही लंबाई सिर्फ 32 सेंटीमीटर थी। इस बच्चे को निर्वाण नाम दिया गया।
सूर्या चाइल्ड केअर के संचालक डॉ. भूपेंद्र अवस्ती का कहना है की डिलवरी होने के बाद ही 22 सप्ताह के निर्वाण को वेंटिलेटर पर रखा गया, और चार महिने बाद निर्वाण को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों का कहना है की 12 सप्ताह तक बच्चे को सांस लेने के लिए मदद लेनी पड़ी। साथ ही इस दौरान रक्त संक्रमण और हर्निया का भी ऑपरेशन करना पड़ा।
जन्मे के समय बच्चे का वजन 600 ग्राम था , तो वही 4 महिने अस्पताल में लगातारा इलाज होने के कारण बच्चे का मौजूदा वजन साढ़े तीन किलो हो गया। सूर्या अस्पताल का दावा है की देश में पहली बार 22 सप्ताह के बच्चे की डिलवरी की गई है।
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