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इस 'मां' के एक निर्णय से कई घरों के चिराग हुए रोशन


इस 'मां' के एक निर्णय से कई घरों के चिराग हुए रोशन
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एक तरफ दिवाली के अवसर पर जहां सभी लोग खुशियाँ मना रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ मीरारोड में रहने वाले उचिल परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मीरा रोड के वोक्हार्ट हॉस्पिटल में काम करने वाली महिला रूपा उचिल के 20 साल के बेटे प्रतिक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। प्रतिक के सिर में काफी गहरी चोट आई थी।इस घटना के बाद प्रतिक की साहसी मां ने जो निर्णय लिया वह काफी हिम्मतवाला था।

प्रतिक को जख्मी अवस्था में काशीमीरा के ऑर्बिट अस्पताल में दाखिल कराया गया,लेकिन यहां से प्रतिक को प्राथमिक उपचार के बाद वोक्हार्ट अस्पताल रेफर कर दिया गया। प्रतिक का यहां दो दिन तक इलाज किया गया बावजूद इसके उसके सिर का चोट ठीक नहीं हो रहा था। दो दिन बाद रविवार को अचानक प्रतिक की तबियत बिगड़ गयी उसके मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों ने उपचार के बाद प्रतिक को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

इस दुःख की घड़ी में प्रतिक की मां ने अपना हिम्मत नहीं खोया। उन्होंने जो निर्णय लिया ऐसा निर्णय विरले ही लेते हैं। प्रतिक की मां ने तुरंत प्रतिक के अंग को दान करने का निर्णय लिया। प्रतिक की आंखे, लीवर, दोनों मुत्रपिंड और दोनों कार्निया दान कर दिए गये। प्रतिक के इन अंगों ने कई मरते हुए लोगों को जीवन दिया।

प्रतिक के मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया था। उसकी मान पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा था। इस स्थिति में उन्होंने अंगदान का निर्णय कर एक साहस भरा कदम उठाया। इस निर्णय से तीन लोगों को उनका जीवन और दो लोगों को आँखों की रौशनी मिली।

रवी हिरवानी, केंद्र प्रमुख, वोक्हार्ट अस्पताल

मीरा रोड के वोक्हार्ट अस्पताल में प्रतिक के लीवर और एक मुत्रपिंड का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया जबकि दुसरे मुत्रपिंड को हिंदुजा अस्पताल में एक व्यक्ति को दान किया गया। उसके कार्निया को बोरीवली के रोटरी आई बैंक में भेज दिया गया। मुंबई में लगातार दो दिनों में अंगदान की यह दूसरी घटना है।






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