कोरोना (Covid19) के बाद महाराष्ट्र पर म्युकोरमाइकोसिस (mucormycosis) का भी संकट मंडरा रहा है। जिसे ब्लैक फंगस (black fangas) भी कहते हैं। जहां एक तरफ कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है तो वहीं ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है जो कि चिंता का विषय है।
आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक काले ब्लैक फंगस के 7,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जबकि इस बीमारी ने 200 से ज्यादा मरीजों की जान ले ली है। कुल 7,250 रोगियों में इस बीमारी का पता चला है। देश में महाराष्ट्र राज्य में ब्लैक फंगस (black fangas case in maharashtra) के सबसे ज्यादा मरीज हैं और सबसे ज्यादा मौतें भी हुई हैं।
इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश का स्थान है। गुजरात में 1,163 मरीज हैं और 63 मौतें हुई हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 31 मौतें हुई हैं। दूसरे राज्यों में भी मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है।
कोरोना वायरस (Coronavirus) के सबसे ज्यादा मामले पुणे जिले में थे, अब यह बात सामने आई है कि म्युकरमायकोसिस के सबसे ज्यादा मरीज भी पुणे में पाए जा रहे हैं। पुणे के बाद नागपुर जिले में ब्लैक फंगस के रोगियों की संख्या सबसे अधिक है।
पुणे में म्यूकोमाइकोसिस के 273 मरीज हैं। उसके बाद नागपुर में 148 मरीज हैं। औरंगाबाद में 67 मरीज हैं। नांदेड़ में 60, चंद्रपुर में 48, लातूर में 28 और ठाणे में 22 मरीज हैं।
राज्य में ब्लैक फंगस की घटनाएं बढ़ रही हैं और जबकि इस बीमारी की दवा भी अभी कम है। और जो दवा है भी उसकी लागत अधिक है। आम मरीजों पर बोझ न पड़े इसके लिए सरकार द्वारा उपाय किए जा रहे हैं।
कुछ दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि, महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत राज्य के सभी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज किया जाएगा।