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मुंबई- बीएमसी अस्पताल की 'ओपीडी' अब सुबह आठ बजे से होगी शुरू

बीएमसी के 16 उपनगरीय अस्पतालों, अन्य अस्पतालों और औषधालयों और बाह्य रोगी विभाग में लगभग तीन करोड़ रोगियों की जांच की जाती है

मुंबई- बीएमसी अस्पताल की 'ओपीडी' अब सुबह आठ बजे से होगी शुरू
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अतिरिक्त नगर आयुक्त सुधाकर शिंदे ने एक आदेश जारी किया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के सभी प्रमुख अस्पतालों में प्रतिदिन आने वाले हजारों रोगियों के लिए बाह्य रोगी विभाग की जांच सुबह 8:00 बजे शुरू होनी चाहिए। इस आदेश का सख्ती से अनुपालन कराने की जिम्मेदारी सभी पदाधिकारियों को सौंपी गयी है। (Mumbai OPD of the municipal hospital will start at eight am)

अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे द्वारा 19 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि अब से किसी भी स्थिति में बाह्य रोगी विभाग में मरीजों की जांच सुबह आठ बजे से शुरू होनी चाहिए. डॉक्टर इस समय का सख्ती से पालन करें इसके लिए अब से उनकी हाजिरी बायोमेट्रिक तरीके से लगेगी और काम पर आने-जाने के लिए भी बायोमेट्रिक हाजिरी लगेगी। (Mumbai civic news)

आदेश में यह भी कहा गया है कि यह बायोमेट्रिक अटेंडेंस डॉक्टर के वेतन से जुड़ी होगी। खास बात यह है कि मरीजों का रजिस्ट्रेशन सुबह सात बजे से शुरू करने को कहा गया है, ताकि बाह्य रोगी विभाग में आने वाले मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। डॉ. सुधाकर शिंदे का मानना है कि इससे मरीज़ों या परिजनों की परेशानी रुक जाएगी। (Mumbai news)

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नगर निगम अस्पतालों में 'जीरो प्रिस्क्रिप्शन' लागू करने को कहा था। इससे मरीजों को बाहर की दवाएं लिखना बंद होकर अस्पतालों में ही दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इसे मनपा के प्रमुख अस्पतालों में भी लागू किया जा रहा है।

बीएमसी के केईएम अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में सालाना 21 लाख 52 हजार मरीजों का इलाज होता है, जबकि सायन अस्पताल में 19 लाख मरीज इलाज के लिए आते हैं। नायर अस्पताल सालाना 1.1 लाख मरीजों का इलाज करता है जबकि कूपर अस्पताल 7.5 लाख मरीजों की जांच करता है।

इसके अलावा, नायर डेंटल कॉलेज और अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में लगभग आठ लाख रोगियों का इलाज किया जाता है। इसका मतलब है कि इन पांच मेडिकल कॉलेजों और नगर पालिका के संबद्ध अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग में सालाना 68 लाख 20 हजार मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके अलावा नगर पालिका के 16 उपनगरीय अस्पतालों, अन्य अस्पतालों और औषधालयों तथा बाह्य रोगी विभाग में लगभग तीन करोड़ मरीजों की जांच की जाती है।

कस्तूरबा पैथोलॉजी अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग में सालाना 1,14865 हजार मरीजों की जांच की जाती है, जबकि सेवरी के तपेदिक अस्पतालों में 22,562 मरीजों की जांच की जाती है। एकवर्थ कुष्ठ अस्पताल 21,564 मरीजों की जांच करता है, मुरली देवड़ा नेत्र अस्पताल 46,000 मरीजों की जांच करता है और कान, नाक और गला अस्पताल सालाना 68,500 मरीजों की जांच करता है।

नगर निकाय के विभिन्न अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग में हर साल लगभग तीन करोड़ मरीजों की जांच की जाती है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुधाकर शिंदे ने कहा कि चूंकि मरीजों को समय पर इलाज और जांच की जरूरत है, इसलिए बाह्य रोगी विभाग को सुबह आठ बजे शुरू करना जरूरी है।

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