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अब ऐप के जरिए मिलेगी मानसिक स्वास्थ्य की सही जानकारी!

डॉ. नीना सावंत ने मानसिक स्वास्थ्य ऐप पर जानकारी दी, ऐप को इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से मुफ्त रखा गया है

अब ऐप के जरिए मिलेगी मानसिक स्वास्थ्य की सही जानकारी!
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कोरोना महारमारी के बाद लोगो मे मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भले ही जागरुकता बढ़ी हो बावजुद इसके आज भी कई लोग मानसिक समस्याओ को गंभीरता सेनही लेते। शहरी इलाको के साथ साथ ग्रामीण इलाको मे मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगो मे कम जागरुकता है, जिसके कई बार गलत परिणाम भी होते है।

सही जानकारी की कमी के कारण कई बार लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओ को नजरअंदाज कर देते है। ग्रामीण इलाको मे बुनियादी स्वास्थ सुविधाओ की कमी के कारण लोग मानसिक समस्याओ की सही स्थिती नही जान पाते और ना ही इसका सही तरह से इलाज करवाते है।  

ऐप के जरिए जानिए मानसिक स्थिती

परेल स्थित KEM अस्पताल में मनोचिकित्सा (Psychiatry) की प्रोफेसर डॉ. नीना सावंत ने मानसिक स्वास्थ को ध्यान मे रखते हुए एक ऐसे ही ऐप को बनाया है,जो लोगो के मानसिक स्वास्थ के बारे मे मौजूदा जानकारी देगा और वह भी बिल्कुल मुफ्त मे। सक्षम मेन्टल वैलनेस ऐप (Saksham mental wellness App) को मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन में व्यक्तियों की सहायता करने के लिए बनाया गया है। फिलहाल यह ऐप गुगल प्ले स्टोर  (Google Play store) पर उपलब्ध है।

इस ऐप का इस्तेमाल कर आप अपने मानिसक स्वास्थ की मौजूदा स्थिती को जान सकते है। इसके साथ ही आपको यह भी पता चलेगा की कही आप ऐसे मानसिक तनाव या बीमारी से तो नही गुजर रहे है जो आपको पता ना हो या फिर जिसे आप नजरअंदाज कर रहे है।

"मानसिक बीमारी से पीड़ित 75-80% लोग डॉक्टर/अस्पताल तक नहीं पहुंचते"

डॉ. नीना सावंत, इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी वेस्टर्न जोन (IPSWZB ) की अध्यक्ष भी है। अपने 30 साल से भी ज्यादा मनोचिकित्सा इलाज के अनुभव को साझा करते हुए डॉ. नीना सावंत ने कहा की

"आज भी कई लोग अपनी मानसिक स्थिती को लेकर गंभीर नही है, मैंने शायद ही कभी किसी मरीज को इलाज के लिए सीधे हमारे पास आते देखा हो, जब मानसिक तनाव या बीमारी काफी बढ़ जाता है तब मरीज हमारे पास आते है, मानसिक स्थिती या इससे जुड़े तनाव और बीमारियों को लेकर अभी भी लोगो मे काफी कम जागरुकता है, मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है, जिसे हमने कोरोना महामारी के दौरान और अधिक महसूस किया, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार,मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या में बढ़ोतेतरी हुई है, मानसिक बीमारी से पीड़ित 75-80% लोग डॉक्टर/अस्पताल तक नहीं पहुंचते"

ग्रामीण इलाको के लोगो को होगा ज्यादा फायदा

डॉ. नीना सावंत ने आगे कहा की "ग्रामीण इलाको मे परिस्थिती और भी खराब है,कम जागरुकता और पैसो की कमी के कारण लोग मानसिक स्वास्थ को गंभारता से नही लेते और ना ही इसका सही समय पर इलाज करते है, स्थास्थ सुविधाओ के बुनियादी ढांचो के कामी के कारण भी ग्रामीण इलाको मे रहनेवाले लोगो को सही इलाज नही मिल पाता,  इस ऐप का इस्तेमाल कर ग्रामीण इलाको मे रहनेवाले मुफ्त मे अपने मानसिक स्वास्थ की मौजूदा स्थिती की सही जानकारी  पा सकते है"

डॉ. नीना सावंत का कहना है की " हम इस एप को लोकप्रिय बनाने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग और आशा कार्यकर्ताओं के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं,  लोगो मे  ऐप और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भारतीय मनोरोग सोसायटी (पश्चिम क्षेत्र) के मंच का भी उपयोग करेंगे"

मराठी, इंग्लिश और हिंदी मे है ऐप

ज्यादा से ज्यादा लोग इस एप का इस्तेमाल कर अपने मानसिक स्वास्थ की सही जानकारी ले सके इसलिए इस एप को इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से मुफ्त रखा गया है। ऐप को तीन भाषाओ मे बनाया गया है,मराठी, इंग्लिश और हिंदी। ऐप का उद्देश्य समुदाय में मानसिक बीमारी साक्षरता में सुधार करना और प्रत्येक व्यक्ति को उनकी मानसिक बीमारी की स्थिति के बारे में जागरूक करना है। 

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