अगर आपकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (corona report positive) आई है तो भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर कोरोना रोगी को अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होती है, लगभग 90% रोगियों का इलाज घर में ही उन्हें क्वारंटाइन (quarantine) करके भी किया जा सकता है।
आज हम आपको बताएंगे कि कोरोना मरीज को अस्पताल कब ले जाना चाहिए और उसे ऑक्सीजन (oxygen), रेमडिसिविर (remdesivir) आदि की आवश्यकता कब होगी?
1) घर पर कब होना चाहिए क्वारंटाइन?
- जब आप किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आते हैं। लेकिन आपमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखता है बावजूद इसके आप खुद को औरों से अलग कर ले तो अच्छा होग।
- बिना किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आए बिना आपको बुखार, गले में खराश, थकान, कमजोरी, बदन दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे तो आप खुद को अलग कर लें।
- या फिर अपना कोविड टेस्ट कराए।ठीक हो सकते हो।
अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और आपका ऑक्सीजन लेवल 93 से ऊपर है, तो आप घर में आइसोलेट होकर ठीक हो सकते हो।
2) अस्पताल में कब दाखिल होना चाहिए?
- जब सांस लेने में तकलीफ हो अथवा सांस फूलने लगे।
- शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 95 से घट कर 90 तक आ गई हो।
- अगर आपकी उम्र 60 या उससे अधिक हो और आप अन्य किसी बीमारी से ग्रसित हों।
- अस्पताल में भर्ती होने का मतलब यह नहीं है कि आपको सीधे ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत है। इन सभी स्थितियों का इलाज बिना ICU या वेंटिलेटर के किया जा सकता है।
3) ICU या वेंटिलेटर की आवश्यकता कब होती है?
- जब आपके फेफड़े 50 प्रतिशत से अधिक संक्रमित हो गए हो।
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 90 से कम हो गया हो।
- चिकित्सक यह तय करता है कि रेमडिसिविर की आवश्यकता है या नहीं।
४) यह न करें...
- कोरोना संक्रमण के बाद शरीर के साथ-साथ मन को शांत रखना महत्वपूर्ण है।किसी भी प्रकार का तनाव न लें।
- मोबाइल और कोरोना से दूर रहने की सलाह ताकि आप कोरोना से जुड़ी खबरों से दूर रह सकें।
- अपने ऑक्सीजन स्तर की बार-बार जांच न करें, क्योंकि इससे तनाव हो सकता है।
- कोरोना को सफलतापूर्वक हराने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का भी स्वस्थ होना आवश्यक है।