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केईएम अस्पताल में मरीजों की गुहार, खत्म करो हड़ताल


केईएम अस्पताल में मरीजों की गुहार, खत्म करो हड़ताल
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परेल - मरीजों के परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर किए हमलों के विरोध में मुंबई के बड़े सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे इन अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती मरीजों और बाहर से इलाज के लिए यहां आए मरीजों का हाल बेहाल है। मंगलवार को केईएम अस्पताल का नजारा तो मरीजों को रुला देना वाला था।

केईएम में इलाज के लिए महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों पुणे, जलगांव, सांगली, सातारा, रत्नागिरी आदि जगहों से आए मरीज परेशान होते दिखाई दिए। ना तो यहां रहने की सुविधा ना ही खाने-पीने की ऐसे में मरीजों के रिश्तेदार पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों है यह हड़ताल? इसमें हमारा क्या दोष है। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों का दवा-पानी बंद कर दिया है। ऐसे में हम जाएं तो कहां जाएं?

हड़ताल के चलते बाह्यरुग्ण विभाग आगे की सूचना मिलने तक बंद रहेगा, सिर्फ अत्यावश्यक मरीजों की जांच जारी है। आदेश की यह सूचना फलक आज ही केईएम अस्पताल में लिखकर लगाई गई। लेकिन ग्रामीण भागों से आने वाले 90 फीसदी मरीज गरीब तबके के हैं क्या उन्हें यह सूचना फलक पढ़ना आता है? ऐसे ना जाने कितने सवाल उठ रहे हैं। जिसका जवाब देने वाला अस्पताल में कोई नहीं है। मरीजों के पास कोई भी शांत रहने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। मंगलवार को ओपीडी में गर्भवती महिला रुटिंग चेकअप के लिए केईएम अस्पताल में भारी भीड़ दिखाई दी।

पुणे से आए जगदीश भोसले, रत्नागिरी की नम्रता पवार,सातारा के वसंत माने, शिवडी की प्रज्ञा कांबली भी उन लोगों में शामिल हैं जिनपर डॉक्टरों की हड़ताल का असर पड़ा है। जो इलाज के लिए हड़ताल खत्म होने के लिए भगवान से दुआ कर रहे हैं।

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