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सांसद मनोज कोटक का लोकसभा मे थैलीसीमिया जैसी गंभीर बिमारी को लेकर सवाल

थैलीसीमिया को प्रिवेंट करने के लिए सरकार ने क्या उठाए कदम ,इसकी माँगी जानकारी

सांसद मनोज कोटक  का लोकसभा मे थैलीसीमिया जैसी गंभीर बिमारी को लेकर सवाल
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आज बीजेपी सांसद मनोज कोटक (Manoj kotak)  ने लोकसभा  मे   थैलीसीमिया (Thalassemiaa) जैसी गंभीर  बिमारी को  प्रिवेंट करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए  इस बारे मे सवाल पुछा , इस सवाल के जवाब मे स्वास्थय मंत्री हर्ष वर्धन ने बताया कि इस आनुवंशिक बिमारी से् लड़ने के लिए सरकार ने कारगर कदम उठाये है, साथ ही  ब्लड बैेक के नेटवर्क और उसके इंटीग्रेशन के बारेे मे  जानकारी दी,   साथ ही     नेशनल हेल्थ मिशन के थ्रु किये जानेवाले काम का भी जिक्र किया,और उपयोग होनेवाले फंड के बारे मे बताया।


मत्रीजी ने यह भी कहा कि  विवाह के पहले जिस तरह कुछ लोग कुंडली पर विशेष ध्यान  देते है उसी तरह   लोग मेडिकल काँउसलिंग करे और एक्सपर्ट डाँक्टर  के मार्गदशन मे रक्त रिपोर्ट  पर ध्यान दे तो  इस बिमारी पर हम   जल्द काबु    पा सकते है। 

गौरतलब है कि अपने माता-पिता से बच्चो को हेरिडेटरी के रूप मे मिलनेवाला यह रोग है, इस रोग के चलते शरीर के हीमोग्लोबिन प्रोसेस मे परेशानी आती है, जिसके कारण शरीर मे रक्त की कमी आती है, और फिर बाहरी रक्त बार-बार  चढाने की आवश्यकता होती है, बच्चो मे इस रोग की पहचान तीन महीने की आयु के बाद होती है ।

सांसद मनोज कोटक के सवाल 

थैलीसिमिया मे ब्लड टॅान्सफ्युजन इनवाल्व है ,बडे गंभीर तरीके से आर्थिक तरीके से भी न परवड़नेवाला मै प्रधानमंत्री का  अभिनंदन करूगा कि  मंत्री जी ने  अपने उत्तर मे  कहा है  कि  1074 ब्लड बैंक 1699 रक्त भंडार का प्रावधान किया गया  है, मेरा प्रश्न है कि   अनुंवाशिक ( hereditary )  बिमारी है  ,  Prevention is better than cure  ऐसे मे    प्रिवेंट करने के लिए   सरकार ने क्या कदम उठाय्  मंत्री जी  इसके  बारे मे  जानकारी दे 

स्वास्थय मंत्री हर्ष वर्धन का जवाब -  


"आपने जो प्रश्न किया उसी मे आपने    प्रश्न का उत्तर दिया  कि , आपने बताया कि  कितने बड़े लेवल मे देश के अंदर हमने  ब्लड बैेक के नेटवर्क और उसके इंटीग्रेशन  को हमने इस्टेबलिश किया है,  मैने अपने उत्तर मे  कहा है कि एक तरफ प्रिवेशन की दृश्टि से   जो स्क्रिनिंग करना है एज्युकेशन करना है ,जैसे जन्मकुंडली होती है , हम तो कहते है कि  आप लोगो की तरफ से रक्त कुंडली प्रचारित की जाये ,, एक societal मुमेंट बना दे, दो लोगो मे विवाह होने से पहले उनकी स्क्रिनिंग इस तरीके से की जाये ,, उनको एडवाईस दी जाये ताकि आनेवाले समय मे उनके बच्चे कैरियर या उन्हे ये बिमारी  विकसित न हो ,, वही हमारा कंट्रिब्युशन हो सकता है ,  जो जो उन्हे तकलीफ होती है अभी  मै बताउ तो  शुरू मे मैने कहा कि  नेशनल हेल्थ मिशन के तहत सब प्रकार की जो बिमारी है उसमे स्टेट गवर्नमेंट को  इनको आगे इंप्लीमेंट करने के लिए हेल्थ फेसिलिटी के उपर  अभी खाली हिमोग्लोबीन, पैथीन इन्क्लुडिंग थैलोसिमिया  इसके लिए 2018-19 मे  11.54 करोड़ रूपये  2019-20 मे 20.10 करोड़ रूपया 20-21 मे 15.15  करो़ड़  स्पेसिफिक टु दिस  हर एक बिमारी और सुविधा के लिए  नेशनल हेल्थ मिशन के थ्रु हम लोग स्टेट गवरनमेंट को उनके द्वारा बनाये गए प्लान के तहत उसे सपोर्ट करते है और थैलोसिमिया ,हिमोग्लोबिन और पैथीस  उसका इम्पोर्टेंट कंपोनेंट है""

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