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कोरोना से मरने वाले पीड़ित के परिजनों को मिलेंगे 50 हज़ार, जानें नियम

मुआवजे को लेकर हाल ही में कांग्रेस नेता और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने हाल ही में एक बयान में कहा कि सरकार को मुआवजे को बढ़ाकर 4 लाख रुपये करना चाहिए।

कोरोना से मरने वाले पीड़ित के परिजनों को मिलेंगे 50 हज़ार, जानें नियम
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कोरोना काल में जिन लोगों ने कोरोना वायरस (coronavirus) की वजह से अपनी जान गंवाई है, ऐसे लोगों के परिवार वालों को मरहम लगाने का प्रयास महाराष्ट्र सरकार की तरफ से किया जा रहा है। राज्य सरकार की तरफ से कोरोना से मरने वालों के परिवारों को 50-50 हजार रुपये देने का फैसला किया गया है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राज्य सरकार के इस फैसले से कोरोना से मरने वालों के परिजनों को थोड़ी राहत मिलेगी।

बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कोरोना से मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद की मांग की गई थी।

सरकार की तरफ से दी जाने वाली यह मदद सीधे परिजनों के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी।  इस लेनदेन प्रक्रिया में कोई बाधा न सामने आए इसके लिए एक कंप्यूटरिकृत सिस्टम बनाया जा रहा है। लाभार्थी के आधार संख्या की पहचान करके सहायता राशि सीधे उस के बैंक खाते में जमा की जाएगी।

सहायता प्राप्त करने के लिए ये नियम

राज्य के जिस व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई है, उसके परिजनों को राज्य आपदा राहत कोष से  50,000/- रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

यदि किसी व्यक्ति की मौत अस्पताल में क्लिनिकल डायग्नोसिस की तिथि से 30 दिनों के भीतर हुई है, तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु कोरोना से हुई मानी जाएगी।

 यह सहायता तब भी प्रदान की जाएगी जब मृत्यु अस्पताल के बाहर हुई हो या व्यक्ति ने कोरोना के इलाज के कारण आत्महत्या कर ली हो।

यदि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति की मौत अस्पताल में दाखिल होने के कुछ देर बाद हुई हो अथवा 30 दिनों के बाद हुई हो, तो ऐसे भी व्यक्ति की मृत्यु को कोरोना से हुई मौत मानी जाएगी।

जो मरीज कोरोना से ठीक नहीं हुआ और उसकी मृत्यु अस्पताल में या घर पर हो जाती है तो ऐसे मामले में जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 की धारा 10 के अंतर्गत उसके परिवार वालों को Medical Certificate of Cause of Death (MCCD) फॉर्म 4 और 4ए के तहत संबंधित अधिकारी के पास पंजीकरण हुआ हो, तो उसे भी कोरोना से हुई मौत ही मानी जाएगी।

 भले ही Medical Certificate and of Cause of Death (MCCD) में "कोविड -19 के कारण मौत" दर्ज न कि गयी हो  लेकिन अन्य शर्त पूरी होती है, तो  इस स्थिति में भी पीड़ित के परिवार वालों को50,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।

मुआवजे को लेकर हाल ही में कांग्रेस नेता और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट (balasaheb thorat) ने हाल ही में एक बयान में कहा कि सरकार को मुआवजे को बढ़ाकर 4 लाख रुपये करना चाहिए।  यह मांग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav Thackeray) को लिखे पत्र में की गई है।

अब तक 50,000 रुपये मुआवजा कोष के रूप में निर्धारित किया गया था। लेकिन मंत्री थोराट ने कहा कि यह राशि अपर्याप्त है, उन्होंने इसे बढ़ाने की मांग की है।

रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजे की राशि का प्रबंधन राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण (NDMA) द्वारा किया जाएगा। यह राशि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 75:25 के अनुपात में साझा की जाएगी।

पढ़ें: बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री से COVID-19 के कारण मरने वालों के लिए मुआवजा बढ़ाने को कहा

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