केंद्र सरकार के एक मसौदे के तहत अब डॉक्टर, नर्स या फिर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े किसी भी कर्मचारी के साथ मारपीट करना अब एक गैर जमानती अपराध माना जाएगा साथ ही इस मामले में आरोपी को 10 साल तक की सजा हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इस पर जनता से सुझाव और आपत्ति मांगी गई है। इसका मसौदे का नाम द हेल्थकेयर सर्विस पर्सनल एंड क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट बिल 2019 (प्रॉहिबिशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज ऑफ प्रॉपर्टी) है।
क्या है ड्राफ्ट में?
सरकार ने नये ड्राफ्ट का नोटिस जारी कर दिया है और 30 दिन के भीतर कोई भी इस ड्रॉफ्ट को लेकर सुझाव और आपत्तियां दे सकता है।
पढ़ें: डॉक्टरों की हड़ताल वापस
नये कानून के अनुसार अस्पताल, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, डायग्नोस्टिक सेंटर के अलावा वे सभी स्थान इस कानून के सायरे में आएंगे जहां किसी तरह की स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होंगी। यही नहीं अगर कोई शख्स प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर, मेडीकल और नर्सिंग स्टूडेंट या फिर एंबुलेंस की नर्स, ड्राइवर और हेल्पर तक से भी मारपीट या बदसलूकी करता की तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि मुंबई सहित देश के कई अस्पतालों में आये दिन डॉक्टरों और नर्स के साथ मरीजों के परिजनों द्वारा मारपीट करने की घटनाएं सामने आया करती थीं, जिसके बाद इस कानून को लाने के लिए कई दिनों से डॉक्टर मांग कर रहे थे।