अगर हमें किसी भी बीमारी से छुटकारा चाहिए होता है तो हमे पैथोलॉजिस्ट की जरुरत तो पड़ ही जाती है। दरअसल कई बार हम पैथोलॉजिस्ट को डॉक्टर नहीं मानते है। हालांकी ये बात भी कई बार साबित हो चुकी है की पैथोलॉजिस्ट भी डॉक्टर ही होते है। 'रॉयल कॉलेज ऑफ पैथोलॉजी' की ओर से हर साल 15 नवंबर को 'विश्व पैथोलॉजी दिवस' के रुप में मनाया जाता है।
कौन है पैथलॉजिस्ट?
महाराष्ट्र में ऐसे असंख्य बोगस पैथोलॉजिस्ट हैं, जिन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। पैथोलॉजिस्ट वह है जिसका पंजीकरण महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के पास होता है। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल पर बोगस पैथोलॉजिस्ट पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार होता है। पैथॉलोजिस्ट की तैयार की गी रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर आगे की ट्रीटमेंट करते है।
टेक्निशियन भी समझते है खुद को पैथोलोजिस्ट
टैक्निसियन को चिकित्सा का ज्ञान नही होता है लेकिन टेक्निशिन भी अपने आप को पैथोलॉजिस्ट मानते है। हालांकी पेथोलॉजिस्ट को चिकित्सा का ज्ञान होने जरुरी है। महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ प्रॅक्टिसिंग पैथॉलॉसिज्ट एंड मायक्रोबॉयोलॉजिस्ट के अध्यक्ष डॉ, संदीप यादव का कहना है की आपको समझना होगा की पैथोलॉजिस्ट एक डॉक्टर ही होता है , हालांकी वह इलाज नहीं करता, लेकिन उसकी तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर ही अन्य डॉक्टर आगे की ट्रीटमेंट तय करते है।
विश्व पैथोलॉजी दिन पर फिल्म की स्क्रीनिंग
विश्व पैथोलॉजी दिन के उपलक्ष्य में एक फिल्म की भी स्क्रिनिंग की जाएगी। जिसमें पैथलॉजिस्ट के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस फिल्म कथा का नाम स्टोरी ऑफ द पब्लिक हेल्थ है