मुंबई - आरे में कारशेड और मेट्रो-3 के निर्माणकार्य का विरोध करने वाले पर्यावरणवादी संगठनों के उच्च न्यायालय में जाने के बाद न्यायालय के निर्देशानुसार इस जगह पर किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य को बैन कर दिया गया है। फिर भी मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) काम शुरू करने पर अड़ी है। शनिवार को काम शुरू करने पहुंचे ठेकेदार को आरे गांव के लोगों के विरोध के चलते उल्टे पांव वापस जाना पड़ा।
आरे, 19 यूनिट के मेट्रो-3 का काम शुरू करने के लिए शनिवार को ठेकेदार द्वारा सॉइल टेस्टिंग मशीन लाई गई, जब यूनिट 19 में रहने वाले गांववालों ने देखा तो उससे काम शुरू करने की इजाजत के बारे में पूछा। ठेकेदार ने परमिशन लेटर दिखाया, लेकिन यह परमिशन लेटर जेवीएलआर के 3 हेक्टर जगह की थी। जिसके बाद गांव के लोगों ने ठेकेदार का विरोध करना शुरू कर दिया। आरे गांव के लोगों ने बाद में ठेकेदार के खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज करवाई ।
वनशक्ति प्रकल्प के संचालक स्टैलिन दयानंद ने कहा कि काम पर रोक के बावजूद अवैध तरीके से काम करने का प्रयत्न किया जा रहा है, लेकिन हम किसी परिस्थिति में इसे शुरू नहीं होने देंगे। वहीं इस मामले में एमएमआरसी के अधिकारियों ने कुछ भी नहीं बोला।