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शंघाई बनता मुंबई !


शंघाई बनता मुंबई !
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मुंबई को शंघाई बनाने का सपना राज्य सरकार ने लोगों को दिखाया। हालांकी सरकार ने ये सपना लोगों को 15-20 साल पहले दिखाया था । अब इस सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कदम बढ़ाए जा रहे है।


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सी लिंक, मेट्रो, मोनो, स्कायवाँक, कोस्टल रोड, मल्टीमाॉडेल रोड, एसी लोकल, एलिवेटेड लोकल, मुंबई झोपडपट्टीमुक्त करने के लिए झोपडपट्टी पुनर्विकास, धारावी पुनर्विकास जैसी कई योजनाओं को सरकार ने लागू कराया। इसके साथ ही सरकार ने मुंबई में पहली मोनो, पहली मेट्रो और पहली सी लिंक शुरु करवाया। सरकार के इस कदमों के कराण अब मुंबई धीरे धीरे अंतराष्ट्रीय स्तर सा शहर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

मुंबई में ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिती को और भी अच्छा करने के लिए मेट्रो और मोनों के साथ साथ सी कोस्टल रोड के प्रोजेक्ट की भी शुरुआत की गई। लेकिन अब इससे एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब मुंबई में बुलेट ट्रेन की तैयारियां शुरु हो गई है। इसके साथ ही हाईपरलुप जैसे हाईस्पीड सेवा को भी मुंबई से शुरु करने के लिए कार्य शुरु कर दिया गया है। साल 2017 का सबसे बड़ा ऐलान कोई है तो वो है हायपर लुप । रोशनी की गति जैसी चलनेवाली इस हायपर लुप सेवा का लाभ मंबईकरो को होगा जिससे उनके समय की काफी बचत होगी।


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मुंबई से पुणे तक हाइपरलुप परियोजना शुरू करने की जांच चल रही है और यह परियोजना अमेरीका के वर्जिन हायपरलॉप कंपनी और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) की ओर से किया जा रहा है। यदि हाइपर लूप जैसी सुपर-सुपरफास्ट ट्रैफिक प्रणाली वास्तव में आती है, तो मुंबई से पुणे की यात्रा सिर्फ ढाई घंटे की जगह सिर्फ 14 मिनट में पूरी हो जाएगी। तो वही दूसरी ओर मुंबई को मिलनेवाला बुलेट ट्रेन का तोहफा भी किसी से कम नहीं है। अहमदाबाद से मुंबई के लिए शुरु की जानेवाली बुलेट ट्रेन पर 1.20 अरब करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस बुलेट ट्रेन की स्पीड प्रति घंटे 350 किमी होगी। यानी की आप मुंबई से अहमदबाद के बीच का सफार सिर्फ 2 घंटो में पूरा कर सकेंगे।


हायपर लुप और बुलेट ट्रेन के साथ साथ मुंबई की यातायात व्यवस्था को अगर और बढ़ीया बनाने का क्रेडिट किसी को जाता है तो वो है मुंबई की मेट्रो को । मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने मुंबई में मेट्रो का जाल बिछाना शुरु कर दिया है। वर्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर मेट्रो मार्ग के कारण मुंबईकरो को यातायात में काफी आसानी होने लगी तो वही मुंबई में पहली कुलाबा-बांद्रा -सिप्झ मेट्रो-३ के कार्य को 2017 में रफ्तार मिली है। इसी समय, मेट्रो 2 और मेट्रो -7 जैसी परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं और 2017 में वडाला-घाटकोपर-ठाणे-कासरवाड़ी मेट्रो -4 के साथ ठाणे-भिवंडी-कल्याण मेट्रो -5 के काम 2017 में मंजूरी दे दी गई है और साल 2018 में इनका कार्य भी शुरु हो जाएगा।


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इन मेट्रो मार्ग के अलावा एमएमआरडीए ने कई और मेट्रो मार्ग के कार्यों को अपने हाथों में लिया है। वडाला से जीपीओ मेट्रो 8, अंधेरी पूर्वी से बांद्रा ईस्ट मेट्रो स्टेशन, और दहिसर से मीरा-भाईंदर मेट्रो -10 । वर्ष 2017 में, एमएमआरडीए ने मुंबई में मेट्रो का एक नेटवर्क बनाने का फैसला किया है। एमएमआरडीए द्वारा 62,943 करोड़ रुपये की लागत से खर्च कर इन सभी मेट्रो कार्यों को पूरा किया जाएगा।

तो वही दूसरी ओर मुंबई ट्रान्स हार्बर लिंक (एमटीएचएल), जो मुंबई-शिवरी-न्हावा-शेवा सीर लिंक के कार्य को एमएमआरडीए द्वारा पहले ही ले लिया गया है। इस सी लिंक से मुंबई को सीधे नवी मुंबई से जोड़ा जाएगा। हालांकि, इस 22 किलोमीटर के सी-लिंक की परियोजना में तकनीकी कठिनाइयों के कारण इस परियोजना में अभी तक कुछ खास आगे नहीं बढ़ा है। एमएमआरडीए ने दावा किया है कि मेट्रो और एमटीएचएल परियोजनाएं मुंबई में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेंगी, और जल्द ही मुंबई में यातायात व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।


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वर्ली -बांद्रा सी लिंक का वर्ली से नरिमन प्वाइंट तक विस्तार करने के कारण बांद्रा से लोग सीधे नरिमन प्वाइंट पहुंच सकते है। तो वही महाराष्ट्र राज्य रस्ते विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) ने बांद्रा से वर्सोवा के लिए सी लिंक भी तैयार किया जाएगा। बांद्रा -वर्सोवा सी लिंक को राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है और साल 2018 में इसका कार्य शुरु किया जाएगा। इसके साथ ही मुंबई से नागपुर के लिए भी समृद्दि मार्ग बनाया जाएगा जिससे मुंबईकर कम समय मे नागपुर पहुंच सकते है हालांकी की इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी थोड़ा समय है।

बुनियादी ढांचा परियोजना में सड़क , फ्लाईओवर, मेट्रो, मोनो, बुलेट ट्रेन जैसे परियोजनाएं शामिल हो गई है। लेकिन लोगों के सर पर छत होना भी एक अहम विकास है। जब बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर विचार किया जाता है, तो आवास परियोजनाओं को मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे परियोजनाओं में शामिल किया जाता है। इस आधार पर मुंबई के विकास योजनाओं को मुंबई में घरो की परियोजनाओं को भी शामिल किया जाएगा।

मुंबई में हर किसी को अपना घर मिले इसलिए राज्य सरकार ने 2017 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने आने वाले पांच सालों में 16 लाख घर बांधने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही बीडीडी चाल के पुर्ननिर्माण कार्य भी किया जा रहा है । और वर्ली के कई चालों का कायापलट भी किया जा रहा है।

2017 में शुरु किये गए इन सबी परिजनाओं ने अगर समय पर अपनी रफ्तार पकड़ी तो आनेवाले 5-6 सालों में मुंबई वास्तव मे एक अंतराष्ट्रीय शहर बन जाएगा।

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