19.54 किलोमीटर के पूरे मोनोरेल मार्ग-जेकॉब सर्कल- वडाला डिपो-चेंबूर - को 3 मार्च को जनता के लिए खोल दिया गया था। फेज -2 (जैकब सर्कल-वडाला डिपो) पर यात्रियों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इस नये रुट के खुलने के बाद मोनोरेल की रोजाना की कमाई 4.5-5.5 लाख रुपये के बीच हो गई है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मोनोरेल प्रशासन ने अब इसे और भी हाईटेक करने का फैसला किया है।
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) की योजना पेपर टिकटिंग के उपयोग को कम करने और क्विक रिस्पांस (QR) कोड टिकटिंग सिस्टम को बढ़ावा देने की है।पेपरलेस टिकटिंग सिस्टम को लागू करने के लिए एजेंसियों की नियुक्ति की जाएगी। जिसके बाद इसके सफल होने पर, यात्री मोनोरेल ऐप पर अपने स्मार्ट फोन के माध्यम से क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड को स्कैन करेंगे और अपने मोबाइल स्क्रीन पर पेपरलेस टिकट बुक कर पाएंगे।
अधिकारियों का कहना है की मोनोरेल के एक टिकट की कीमत लगभग 60 रुपये है। लेकिन, स्मार्ट कार्ड खरीदने पर यात्रियों से 50 रुपये का शुल्क लिया जा सकता है। इसका मतलब है स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करने पर 10 रुपये का नुकसान, इसके साथ ही कुछ लोग यात्रा पूरी होने के बाद टोकल वापस नहीं करते। जिसे देखते हुए मोनोरेल प्रशासन ने क्यूआर सिस्टम पर काम करना शुरु किया है।