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मुंबई - 2010 से 2012 तक संपत्ति कर का भुगतान करने वाले नागरिकों को बीएमसी को करना होगा रिफंड

सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी की समीक्षा याचिका की अस्वीकृति कर दिया

मुंबई - 2010 से 2012 तक संपत्ति कर का भुगतान करने वाले नागरिकों को बीएमसी को करना होगा रिफंड
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बीएमसी को मुंबई में सभी संपत्तियों के पूंजीगत मूल्य पर फिर से काम करना होगा और पूंजी मूल्यांकन प्रणाली के अनुसार 2010 से 2012 के लिए संपत्ति कर का भुगतान करने वाले नागरिकों को धनवापसी करनी होगी।  सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा याचिका की अस्वीकृति के बाद ये आदेश आया है।  (Mumbai BMC to refund citizens who paid property tax from 2010 to 2012) 

SC ने पिछले महीने BMC द्वारा 2019 के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें BMC द्वारा पूर्वव्यापी कर निर्धारण के लिए बनाए गए कुछ नियमों को अलग रखा गया था। कोर्ट ने बीएमसी से नए नियम बनाने और नए बिल जारी करने को कहा है।

2013 मे प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन और अन्य ने संपत्ति कर लगाने के संबंध में मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 में संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में निर्देश दिया था कि कैपिटल वैल्यू सिस्टम (सीवीएस) के अनुसार मूल्यांकन 2012 से संभावित रूप से किया जाना चाहिए, जब नियम अस्तित्व में आए थे न कि पूर्वव्यापी प्रभाव से।  इसने विशेष मूल्यांकन आदेश और 2010 के बाद से सीवीएस के तहत उठाए गए बिलों को रद्द कर दिया।

निगम को निर्देशित किया गया था कि वह करों के आकलन के लिए संपत्तियों के पूंजीगत मूल्य को फिर से निर्धारित करे और अधिनियम में दी गई प्रक्रिया का पालन करे।  आगे कहा कि खाली भूमि/खुली भूमि का आकलन 1 के फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) पर किया जाना चाहिए न कि संभावित एफएसआई पर।

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