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सीएम के हाथों बीडीडी चॉल के रीडेवलपमेंट की शुरुआत


सीएम के हाथों बीडीडी चॉल के रीडेवलपमेंट की शुरुआत
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जमीन के लिए तरसने वाले मुंबई शहर के लिए शनिवार को एक बड़ी राहत मिली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मुंबई की बीडीडी चॉल के रीडेवलपमेंट की शुरुआत की। इस रिडेवलपमेंट में करीब 16,000 अफोर्डेबल घर बनाए जाएंगे। बीडीडी चॉल का इतिहास पुराना है। ब्रिटिश राज के दौरान 1920 में बीडीडी यानि बॉम्बे डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने मुंबई में चार अलग अलग लोकेशन पर लोगों के रहने के लिए 207 चॉल बनाई थी। करीब 100 साल पुरानी ये चॉल 93 एकड़ जमीन पर फैली हुईं हैं और मुंबई के नायगांव, वरली, लोअर परेल और शिवड़ी इलाकों में मौजूद हैं। ये इलाके इस वक्त मुंबई की प्राइम लोकेशन में आते हैं। इन चॉलों की हालत अब जर्जर हो चुकी है और यहां पर रहने वाले 100 रुपए महीने का किराया राज सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को देते हैं। रिडेवलपमेंट में यहां पर रहने वालों को 500 स्केवेयर फिट के घर दिए जाएंगे और ये पूरा प्रोजेक्ट करीब 7 साल में पूरा किया जाएगा।

महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानि म्हाडा इस प्रोजेक्ट को कर रही है। पहले फेज में नायगांव और लोअर परेल में मौजूद बीडीडी चॉल का रीडेवलमेंट किया जा रहा है। नायगांव में एलएंडटी को रीडेवलपमेंट का चार्ज दिया गया हैं वहीं लोअर परेल का रीडेवलपमेंट शापुरजी पलोनजी कर रही है। वरली बीडीडी के रीडेवलपमेंट के लिए भी टेंडर अगले 3 महीने में निकाल दिए जाएंगे । हांलाकि शिवड़ी की बीडीडी चॉल के लिए अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है क्योंकि ये चॉल मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की जमीन पर बनी है और इस वक्त उसके रीडेवलपमेंट के लिए कोई पॉलिसी मौजूद नहीं है।

नायगांव, ना. म. जोशी मार्ग और वरली बीडीडी चाल के पुनर्विकास का शुभारंभ बीडीडी के वयोवृद्ध दंपत्ति द्वारा नायगांव में पूजा करके किया गया। म्हाडा उपाध्यक्ष संभाजी झेंडे ने कहा कि शनिवार से नायगांव और ना. म. जोशी मार्ग पर खाली जगह में कार्य की शुरुआत कर दी गई है। धीरे-धीरे यहां के रहिवाशियों को म्हाडा के संक्रमण शिबिर में स्थानांतरित करते हुए काम की गति बढ़ाई जाएगी। तीन से चार वर्ष में पूनर्वसित इमारत का काम पूर्ण कर रहिवासियों को 2 बीएचके फ्लैट में स्थनांतरित कर दिया जाएगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बीडीडी के प्रश्न का जैसे समाधान हो गया वैसे अन्य लंबित पड़े इमारत के पुनर्विकास का कार्य का प्रश्न दो वर्षों में निपटा दिया जाएगा। सीएम ने कहा म्हाडा इमारत, उपकर प्राप्त इमारत, बीपीटी, म्हाडा संक्रमण शिबिर ऐसे सभी जगहों पर रहने वाले लोगों को घर देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

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