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मुर्गियों के लिए अलग से कत्लखाने?


मुर्गियों के लिए अलग से कत्लखाने?
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मुंबई - मुंबई में देवनार पशुवधगृह को जहां बीजेपी बंद कराना चाहती है तो वहीं दूसरी ओर शिवसेना एक अलग मुर्गी कत्लखना खोलने पर विचार कर रही है। मुंबईकरों को स्वच्छ और स्वस्थ मुर्गी का मटन मिले इसके लिए मुंबई की सीमा के पास मुर्गी कत्लखाने के बारे में विचार किया जा रहा है। सभागृह नेता तृष्णा विश्वासराव के अनुसार मुर्गी कत्लखाने के लिए स्वतंत्र आरक्षित एक जगह उपलब्ध कराई जाएगी।

मुर्गी पशुवधगृह बनाने के लिए अगस्त 2016 में आयुक्त (पश्चिम उपनगर) के नेतृत्व में हुई बैठक में देवनार पशुवधगृह के महाव्यवस्थापक, विकास नियोजन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर मुंबई की सीमा के पास मुर्गी कत्लखाने की व्यवस्था कर मुंबईकरों को मुर्गियों का स्वस्थ और साफ मटन उपलब्ध कराया जाए।
जिसके बाद अतिरिक्त आयुक्त (पश्चिम उपनगर) ने विकास व नियोजन विभाग के अधिकारियों को मुंबई की सीमा के पास मुर्गी कत्लखाना बनाने के लिए जगह की उपलब्धता के लिए 2014 में करने को कहा था। जिसे देखते हुए प्रशासन ने ये स्पष्ट किया है की इस मामले पर कार्य चालू है। प्राणी क्लेष प्रतिबंध नियम 1960 , पशुवधगृह नियम 2001 नियम 3(1) के अनुसार किसी भी प्रकार के पशु के वध के लिए पशुवधगृह का होना बंदनकारक है।
जिसके कारण मुंबई में मुर्गियों के लिए अलग से कत्लखाना होना जरुरी है। देवनार पशुवधगृह में रोज होनेवाली बकरो के कत्ल की संख्या, बकरी ईद पर लोगों की संख्या को देखते हुए, मुर्गियों के लिए अलग से कत्लखाने की जरुरत है। प्रशासन का मानना है की मुंबई की बाहरी सीमा पर इस मुर्गी कत्लखाने का निर्माण किया जा सकता है।
महापालिका सभागृहनेता व शिवसेना नगरसेविका तृष्णा विश्वासराव ने मुंबई में बेचने के लिए लाए जानेवाले मुर्गियों को देवनार के पशुवधगृह में जांच के बाद उनके मटन को अलग कर बाजारों मे बेचा जाए। मुंबई में हर दिन लाखों की संख्या में मुर्गिया कटती है। अगर इन मुर्गियों की जांच ना की जाए तो बर्ड फ्लू जैसी बीमारियां होने का भी खतरा बना रहता है।

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