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म्हाडा लॉटरी: किसी ने दो तो किसी ने जीता तीन घर


म्हाडा लॉटरी: किसी ने दो तो किसी ने जीता तीन घर
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रविवार को बांद्रा स्थित म्हाडा बिल्डिंग के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा था। मौका था म्हाडा के घरों की लॉटरी का। इस भीड़ में कहीं ख़ुशी तो कहीं गम देखने को मिला। जिनके नाम लॉटरी में आये थे वे तो काफी खुश थे लेकिन जिनके नाम नहीं आये थे वे जरुर निराश थे।

इन्ही भाग्यशाली लोगों में से एक नाम है विनोद शिर्के का। शिर्के का नाम दो बार लॉटरी में आया। पहली बार 5.13 करोड़ रुपए घर के लिए विनोद शिर्के का नाम आया, लेकिन उस समय उनकी ख़ुशी दुगुनी हो गयी जब उनका नाम 5.80 करोड़ वाले घर में फिर से आया। हालांकि शिर्के को इन दोनों में से एक ही घर मिलेगा। शिर्के शिवसेना के आग्रीपाड़ा विभाग के शाखा प्रमुख हैं।

इस मौके पर शिर्के ने कहा कि मैं साल 1999 से ही म्हाडा के घरों के लिए फॉर्म भर रहा हूं। मैं खुश हूं कि 18 साल बाद मुझे घर मिला है। इस बार मैंने माटुंगा, घाटकोपर, ग्रांटरोड सहित कुल 8 जगहों से ही फॉर्म भरा था। मुझे दो घर मिले हैं परिवार से चर्चा कर कोई एक वापस कर दूंगा।  विनोद शिर्के, विजेता

इसी कड़ी में एक और भाग्यशाली विजेता हैं, इनका नाम रमीज तडवी है। टिटवाला में रहने वाले रमीज किराये के मकान में रहते हैं। रमीज को काम करने डेली मुंबई आना पड़ता है। भीड़ भरी ट्रेन में टिटवाला से मुंबई की डेली यात्रा रमीज को काफी खल जाती है। उनका भी सपना था कि मुंबई में उनका भी एक खुद का घर हो। लेकिन जब भगवान ने उनकी सुनी तो रमीज को छप्पर फाड़ कर दिया। रमीज को कुल तीन घर लॉटरी में मिले हैं।

दरअसल रमीज ने अपनी मम्मी, पापा और अपने नाम से कुल तीन फॉर्म भरे थे। संजोग देखिये सभी की लॉटरी निकल गयी। लेकिन रमीज को एक घर वापस करना होगा क्योंकि म्हाडा के कानून के मुताबिक पति-पत्नी दोनों ही घर जितते हैं तो एक को घर वापस करना होगा क्योंकि पति-पत्नी दोंनो को एक ही माना जाता है कारण उनका परिवार एक ही होता है।

इस मौके पर रमीज ने कहा कि लाखों लोगों ने फॉर्म भरा था किसी को एक घर भी नहीं मिला लेकिन मुझे तीन-तीन घर मिले। जरुर उपरवाले की काफी मेहरबानी है मुझ प।

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