2012 में बाल ठाकरे की मौत हुई थी। उसके बाद उनकी वसीयत सामने आई, जिसमें जयदेव को कुछ नहीं मिला था। उद्धव को बहुत कुछ, जयदेव की पूर्व पत्नी स्मिता को थोड़ा-बहुत और तीसरी पीढ़ी के बच्चों में केवल ऐश्वर्य को कुछ मिला था। तब जयदेव ने आरोप लगाया था कि मरते वक़्त बाल ठाकरे की मानसिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि सब कुछ सही-सही बांट के जाएं।
क्या कहना है जयदेव का
दरअसल जयदेव अब इस मामले को आगे नहीं ले जाना चाहते है , लिहाजा उन्होने इस मामले को वापस ले लिया है। उनक कहना है उनकी इच्छा अब इस मामले को और आगे ले जाने की नहीं है।
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