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कोरोना टेस्ट नहीं कराने पर राज ठाकरे को विधान भवन में जाने से रोका गया

विधान भवन प्रवेश करने वालों के लिए कोरोना का निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य है, जबकि राज ठाकरे ने कोरोना का टेस्ट ही नहीं कराया।

कोरोना टेस्ट नहीं कराने पर राज ठाकरे को विधान भवन में जाने से रोका गया
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra navnirman sena) के अध्यक्ष राज ठाकरे (raj thackeray) को विधान भवन में प्रवेश से रोक दिया गया, क्योंकि राज ठाकरे ने अपना कोरोना का टेस्ट (Covid test) नहीं कराया था। बता दें कि, विधान भवन में प्रवेश के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है। हालांकि, राज ठाकरे को केवल इसलिए प्रवेश से वंचित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने जांच नहीं कराया था।

इस मामले में भाजपा नेता अतुल भातखलकर (bjp mla atul bhatkhalkar) ने ट्वीट किया और कहा, '25 विधायकों को विधान भवन में प्रवेश से वंचित कर दिया गया क्योंकि उन्होने कोरोना टेस्ट नहीं कराया था। एमएनएस (mns) अध्यक्ष राज ठाकरे को भी कोरोना टेस्ट नहीं कराने के कारण पर प्रवेश नहीं दिया गया। लेकिन मोहन डेलकर के परिवार को मिलने  के लिए बुलाया गया, यह ठीक था। नियम सभी के लिए समान होना चाहिए।

बताया जाता है कि, कोरोना (Coronavirus) का बढ़ता प्रभाव, महंगे हुए बिजली बिल, पूजा चव्हाण सुसाइड केस (pooja chavhan suicide case) सहित अन्य मुद्दों को लेकर विरोधी दल सरकार के खिलाफ आक्रमक हुए हैं। इन्हीं सब कारणों से राज ठाकरे भी 2 मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए विधान भवन में आए हुए थे।

लेकिन, विधान भवन प्रवेश करने वालों के लिए कोरोना का निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य है, जबकि राज ठाकरे ने कोरोना का टेस्ट ही नहीं कराया। इसलिए राज ठाकरे को बिना मुख्यमंत्री से मिले ही विधान भवन परिसर के बाहर से ही वापस लौटना पड़ा।

दादरा नगर हवेली के निर्दलीय सांसद मोहन डेलकर सुसाइड (mp mohan dekhkar suicide case) को लेकर उनके परिवार वालों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) से विधान भवन में ही मुलाकात की और उन सभी के पास भी कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी।

इसी बात को लेकर BJP ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। नियमों का हवाला देते हुए BJP विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि, कोरोना रिपोर्ट की वजह से 25 विधायकों को विधान भवन में नहीं आने दिया जबकि डेलकर के परिवार वालों को मुख्यमंत्री से मिलने दिया गया, क्या यह सही है। सभी के लिए नियम एक समान होने चाहिए।

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