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1500 रुपए में लोगों का परिवार कैसे चलेगा? नारायण राणे ने आर्थिक पैकेज पर उठाए सवाल

राणे ने तंज कसते हुए कहा, 'वे पैकेज के रूप में प्रति माह डेढ़ हजार देने की घोषणा की है। रिक्शा चालकों के लिए 1,500 रुपये की घोषणा की गई है। क्या 5 लोगों का परिवार 1500 रुपये में चल पाएगा?

1500 रुपए में लोगों का परिवार कैसे चलेगा? नारायण राणे ने आर्थिक पैकेज पर उठाए सवाल
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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (coronavirus in maharashtra) के चलते कर्फ्यू लगाया गया है। जिसके तहत एमरजेंसी कार्यों को छोड़कर सभी कार्यों पर पाबंदी लगा दी गई है। कर्फ्यू की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एक पैकेज की घोषणा की थी।लेकिन भाजपा (bjp) इस पैकेज की आलोचना कर रही है। 

मुख्यमंत्री द्वारा दी गई आर्थिक मदद पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे (narayan rane) ने पूछा है कि, रोज खाने कमाने वाले लोग अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे?

नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसलों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र में कोरोना (Covid19) के कारण मृत्यु दर बढ़ रही है।कोरोना से राज्य में अब तक 59 हजार मरीज़ों की मौत हो चुकी है। यह पाप राज्य सरकार का है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का है। देश में होने वाली सभी मौतों में अकेले महाराष्ट्र का हिस्सा 41 फीसदी है। चूंकि मुख्यमंत्री के पास इसका कोई जवाब नहीं था, इसलिए वे लॉकडाउन लगाने की धमकी दे रहे थे। जैसे कि उन्होंने पूरे महाराष्ट्र को खरीद लिया हो। और आखिरकार, उन्होंने तालाबंदी (lockdown) लागू कर ही दी।'

राणे ने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री 'मातोश्री' में बैठ कर क्या करते हैं? मुंबई में आदमी जो चाहे कर सकता है। लेकिन जब मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं तो सीएम तुरंत मुंबई में अस्पताल स्थापित नहीं कर सकते हैं? केवल मृतकों की संख्या, पीड़ितों की संख्या की घोषणा, ये कम है वो कम है, कमोबेश मुख्यमंत्री यही घोषणा करते रहते हैं। यदि कमी हो तो उसे पूरा करके देना मुख्यमंत्री का काम है। बस कुर्सी पर बैठने से काम नहीं चलता, उसे करना पड़ता है। लेकिन मुख्यमंत्री कहते हैं कि मास्क पहनो, यह करो, वह करो? इसके अलावा कुछ नहीं।'

राणे ने तंज कसते हुए कहा, 'वे पैकेज के रूप में प्रति माह डेढ़ हजार देने की घोषणा की है। रिक्शा चालकों के लिए 1,500 रुपये की घोषणा की गई है। क्या 5 लोगों का परिवार 1500 रुपये में चल पाएगा? अकेले मुंबई में हजारों भिखारी हैं, अगर सड़कों पर लोग नहीं होंगे, तो उन्हें भिक्षा कहाँ से मिलेगी? मुख्यमंत्री हर चीज के लिए केंद्र से मांग कर रहे हैं। संविधान ने राज्य सरकार को राज्य चलाने के लिए धन जुटाने का काम दिया है। आप बस संविधान पढ़ें। आप सिर्फ मातोश्री के पिंजरे में बैठे हैं?'

नारायण राणे ने मुख्यमंत्री को राज्य को वित्तीय संकट में डालने का जिम्मेदार भी बताया।

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