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यह बालासाहब की शिवसेना नहीं औरंगजेब सेना है - भाजपा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने हाल ही में आश्वासन दिया था कि अगर औरंगाबाद नगर निगम की सत्ता भाजपा (bjp) के पास आती है, तो औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव अगले दिन ही पारित किया जाएगा।

यह बालासाहब की शिवसेना नहीं औरंगजेब सेना है - भाजपा
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औरंगाबाद जिले का नाम बदलने के मुद्दे पर शिवसेना दोहरी भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना अब बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना नहीं रह गई है, लेकिन अब यह औरंगजेब सेना बन गई है। यह बात मंगलवार को भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कही। वे मुंबई में भाजपा के राज्य कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।

औरंगाबाद नगर निगम का चुनाव नजदीक आने के बाद नाम बदलने का मुद्दा भी गरम हो गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने हाल ही में आश्वासन दिया था कि अगर औरंगाबाद नगर निगम की सत्ता भाजपा (bjp) के पास आती है, तो औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव अगले दिन ही पारित किया जाएगा।

केशव उपाध्ये ने कहा, औरंगाबाद के नामकरण पर शिवसेना की नीति को देखते हुए कहा, मुझे औरंगजेब का रवैया याद आ रहा है। शिवसेना की भाषा अलग है और जब कुछ करने का समय आता है, तो शिवसेना औरंगजेब की तरह व्यवहार करने लगती है।

केशव उपाध्ये ने यह भी खुलासा किया कि, जब देवेंद्र फड़नवीस सत्ता में थे, तो कई लोग इस जिले का नाम क्यों नहीं बदला जा रहा है, यह प्रश्न पूछते थे, जिसके बाद देवेंद्र फड़नवीस (devendra fadnavis) ने औरंगाबाद नाम को बदलकर संभाजी नगर करने का प्रयत्न किया और 4,5 पत्र भी भेजा गया, इस बारे में सरकार लगातार रिपोर्ट मांग रही थी।

बता दें कि, राज्य में महाविकास की सरकार आई है तो शिवसेना (shiv sena) औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर संभाजी नगर करने के लिए जोर दे रही है, लेकिन कांग्रेस ने नाम बदलने का विरोध किया है। इस समय नाम बदलने का मुद्दा गर्म है, तो अब एनसीपी (ncp) ने भी औरंगाबाद का नाम बदलने के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

एनसीपी (ncp) के प्रवक्ता नवाब मलिक (nawab malik) ने नाम बदलने के मुद्दे पर एक समाचार चैनल से बात करते हुए, कहा कि, औरंगाबाद का नाम बदलने या किसी शहर का नाम बदलने का मुद्दा महाविकास आघाड़ी सरकार (mva government) के एजेंडे में नहीं था। हमने 20 साल पहले ही ऐसे किसी प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। हम यह नहीं मानते कि नाम बदलने से शहर का विकास होता है। इसलिए इसके बारे में अलग से बात करने का कोई सवाल ही नहीं है। विपक्ष द्वारा चाहे कितनी भी अफवाहें फैलाई जाएं, लेकिन महाविकास के लिए कोई खतरा नहीं है।

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