नवाब मलिक (Nawab malik) के खिलाफ समीर वानखेड़े (Sameer wankhede) के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े की याचिका पर आज सुनवाई हुई। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को तय की गई है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान वानखेड़े को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने नवाब मलिक को बयान देने से रोकने से इनकार कर दिया है।
ज्ञानदेव वानखड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर आरोप लगाया था कि उनके परिवार के सदस्यों को बिना वजह बदनाम किया जा रहा है। मुंबई हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सफाई दी।
कोर्ट ने राकांपा (NCP) नेता नवाब मलिक को भी सलाह दी, ''किसी भी अधिकारी के बारे में कोई भी बयान देने से पहले जानकारी की जांच की जानी चाहिए. इस स्तर पर यह कहना उचित नहीं होगा कि नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। नवाब मलिक पोस्ट कर सकते हैं। लेकिन कुछ भी पूरी तरह से वेरिफिकेशन के बाद ही पोस्ट किया जाना चाहिए।"
कोर्ट के आदेश के बाद नवाब मलिक ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा, 'सत्यमेव जयते, अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर फिरौती और जाति प्रमाण पत्र में अंतर समेत कई आरोप लगाए हैं। हालांकि, एनसीबी के अधिकारियों ने बार-बार आरोपों से इनकार किया है।
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