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बैंक घोटाले मामले में HC ने शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल को दिया झटका

अडसुल ने अदालत से ईडी द्वारा जारी समन को रद्द करने और याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी कहा था। हालांकि उच्च न्यायालय ने अडसुल को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है।

बैंक घोटाले मामले में HC ने शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल को दिया झटका
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सिटी को-ऑपरेटिव बैंक (city co-operative bank scheme) घोटाले मामले में शिवसेना नेता आनंदराव अडसुल (Shivsena leader anand adsul) की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। इस घोटाले मामले में ईडी (ED) ने शिवसेना (Shiv sena) के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को तलब किया था। इसके खिलाफ अडसुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है।

अडसुल ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अडसुल ने अदालत से ईडी द्वारा जारी समन को रद्द करने और याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी कहा था।  हालांकि उच्च न्यायालय ने अडसुल को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है।

मुंबई उच्च न्यायालय ने आनंदराव अडसुल की याचिका में संशोधन की अनुमति देते हुए सुनवाई 8 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।

क्या था मामला?

शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल के खिलाफ विधायक रवि राणा ने शिकायत की थी कि अध्यक्ष के रूप में अडसुल के कार्यकाल के दौरान बैंक में लगभग 900 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी। इसके बाद ईडी ने मामले की जांच शुरू की।

जिसके बाद उनके खिलाफ सिटी को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में कार्रवाई की जा रही है। सिटी को-ऑपरेटिव बैंक, जिसकी मुंबई में 27 शाखाएँ हैं, घोटाले के कारण 2018 से RBI के प्रतिबंधों के अधीन है। आनंद अडसुल अध्यक्ष हैं और अभिजीत अडसुल निदेशक हैं। ईडी को संदेह है कि अवैध रूप से लोन देने के मेंं बैंक मेंं वित्तीय कुप्रबंधन और अनियमितिता बरती गई है। जिसके बाद ईडी ने इसी पृष्ठभूमि में जांच शुरू की है।

सिटी को-ऑपरेटिव बैंक के करोड़ो रूपये NPF में हो गए। यही कारण है कि अडसुल के पिता और पुत्रों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था कि घोटाले में उनकी सही संलिप्तता है। हालांकि, दोनों में से कोई भी दिल्ली में हुई बैठक में शामिल नहीं हुआ। सिटी को-ऑपरेटिव बैंक में लगभग 90,000 जमाकर्ता हैं। इन जमाकर्ताओं को बीमा के तहत 5 लाख रुपये तक का रिटर्न मिलेगा। हाल में यह निर्णय लिया गया है कि बैंक परिसमापन में जाएगा।

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